लखनऊ। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरु कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी फाईनल कर लिए है। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव नवरात्रों में प्रत्याशियों का ऐलान कर सकते हैं। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद तथा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरेन्द्र मलिक के टिकट को लेकर भी बडी अपडेट सामने आ रही है।

समाजवादी पार्टी नवरात्रि पर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करेगी। इस महीने की शुरुआत में अखिलेश यादव ने इसकी घोषणा भी की थी। सपा मुखिया ने कहा था- नवरात्रि पर समाजवादी पार्टी वीआईपी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करेगी। नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है।

सूत्रों की माने तो सपा की पहली लिस्ट में लगभग 20 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो सकती है। इनमें ज्यादातर परिवार के सदस्यों के चेहरे हैं। बाकी कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनसे अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर मुलाकात कर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कह भी दिया है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 1 अक्टूबर को लखनऊ के कार्यक्रम में साफ तौर पर कहा था कि समाजवादी पार्टी नवरात्रि में कुछ उम्मीदवारों के नाम घोषित करेगी। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट लगभग तैयार है। इस लिस्ट में शामिल उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नवरात्रि के पहले या दूसरे दिन की जा सकती है।

इस लिस्ट में लगभग 20 उम्मीदवारों के नाम शामिल बताये जा रहे हैं। खासतौर से कुछ वीआईपी सीटों के अलावा कुछ ऐसी सीटें हैं जहां समाजवादी पार्टी जातीय समीकरणों के हिसाब से उम्मीदवार घोषित कर पॉलिटिकल माइलेज लेने की तैयारी में जुटी है।

पहली लिस्ट में यादव परिवार के सदस्यों का ऐलान नवरात्रि में सपा अपने उम्मीदवारों की जो लिस्ट घोषित कर सकती है उसमें यादव कुनबे के सदस्यों का नाम भी शामिल रहेगा। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी कुनबे के सदस्य किस सीट से उम्मीदवार होंगे इसकी जल्द घोषणा की जाएगी।

सूत्रों की माने तो जिन वीआईपी सीटों की बात अखिलेश यादव ने कही थी उनमें कन्नौज से खुद अखिलेश यादव लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। अखिलेश यादव ने कन्नौज में अपने लोगों को चुनावी तैयारी के लिए पहले ही निर्देश दे दिए थे और उनके करीबी लगातार कन्नौज में सक्रिय भी हैं।

जबकि मैनपुरी सीट से उनकी पत्नी डिंपल यादव जो वर्तमान में वहीं से सांसद हैं वो चुनाव मैदान में उतरेंगी। बदायूं सीट से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे।

इतना ही नहीं आजमगढ़ की सीट जिसे उप चुनाव से पहले सपा की ही सीट कहा जाता था, वहां पर शिवपाल यादव उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि शिवपाल यादव को यह तय करना है कि उस सीट पर वह चुनाव लड़ेंगे या फिर उनके बेटे आदित्य यादव चुनाव मैदान में उतरेंगे।

फिरोजाबाद सीट से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ेंगे। कुछ समय पहले शिवपाल यादव जब एक कार्यक्रम में गए थे तो उन्होंने इस बात के साफ़ संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि 2019 की तरह इस बार गलती नहीं होगी। फिरोजाबाद में वो खुद अक्षय यादव को इस बार चुनाव जितवाएंगे।

स ंभल से इस बार परिवार के सदस्य और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है। संभल से सपा के वर्तमान सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अब 93 वर्ष के हो चुके हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें फिर से मौका दे ये मुश्किल लगता है। वैसे भी संभल से मुलायम सिंह यादव भी चुनाव जीते थे और सपा इस सीट को अपने लिए मुफीद मानती है।

इसलिए चर्चा है कि तेज प्रताप यादव संभल की सीट से उम्मीदवार हो सकते है। परिवार के इन सदस्यों की उम्मीदवारी की घोषणा पहली लिस्ट में की जा सकती है।

लोकसभा चुनाव से ठीक 7 महीने पहले पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा का प्लान अखिलेश यादव ने यूं ही नहीं तैयार किया है। अखिलेश यादव इसके जरिए जहां इंडिया गठबंधन के घटक दलों को संदेश देने की कोशिश करेंगे, तो वहीं बीजेपी से मुकाबले के लिए पार्टी की उम्मीदवारों को ज्यादा समय मिल सकेगा।

परिवार के सदस्यों के अलावा जिन अन्य लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पहली लिस्ट में की जा सकती है, उनमें अयोध्या से पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में पार्टी के विधायक अवधेश प्रसाद का नाम घोषित किया जा सकता है। अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने अयोध्या का ही प्रभारी भी बनाया हुआ है।

वही मुजफ्फरनगर से पार्टी के विधायक पंकज मलिक के पिता और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक का नाम भी पहली लिस्ट में जारी किया जा सकता है। वह भी मुजफ्फरनगर के प्रभारी बनाए गए हैं।

मुरादाबाद सीट से पार्टी के वर्तमान सांसद एस टी हसन का टिकट पक्का माना जा रहा है। उनका भी नाम इस पहली लिस्ट में रह सकता है। बलिया सीट से सपा सनातन पांडेय को उम्मीदवार बना सकती है।

प्रयागराज सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई बार सांसद रहे रेवती रमण सिंह को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। भदोही सीट से इस बार समाजवादी पार्टी विधान सभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय को अपना उम्मीदवार बना सकती है। मनोज पांडे को वहां का प्रभारी भी बनाया गया है।

लखनऊ से समाजवादी पार्टी पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बना सकती है। रविदास मल्होत्रा को लखनऊ का प्रभारी बनाया गया है। रविदास मल्होत्रा ने तो अपना प्रचार भी लखनऊ में शुरू कर दिया है।

फूलपुर सीट पर पूर्व क्रिकेटर ज्योति यादव को सपा चुनाव लड़ा सकती है । ज्योति यादव 2012 में सपा के टिकट से उस वक्त इलाहाबाद वेस्ट सीट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनके पिता समाजवादी पार्टी के विधायक भी थे। इसके अलावा प्रतापगढ़ सीट पर पूर्व एमएलसी एसपी सिंह को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है।

उन्नाव से एक बार फिर अन्नू टंडन समाजवादी पार्टी की कैंडिडेट हो सकती हैं। फतेहपुर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को चुनाव लड़ाया जा सकता है। जबकि धौरहरा सीट से पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया का नाम भी पहली लिस्ट में घोषित किया जा सकता है।

समाजवादी पार्टी भले ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में इस बार समाजवादी पार्टी सीटों को लेकर कोई भी समझौता करने के पक्ष में नहीं है। खुद अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर जो बयान दिया था उससे ये स्पष्ट है कि इस बार समाजवादी पार्टी अपने हिसाब से सीटों का बंटवारा करेगी।

अखिलेश यादव ने कहा था कि इस बार समाजवादी पार्टी सीट मांगेगी नहीं बल्कि सीट देगी। वैसे भी इसी साल जब मार्च महीने में कोलकाता में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो उसमें ये एजेंडा तय हुआ था कि इस बार उत्तर प्रदेश में पार्टी को लोकसभा चुनाव में 50 सीट जीतनी है। और जाहिर सी बात है कि अगर 50 सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया है तो उससे ज्यादा सीटों पर चुनाव तो लड़ना ही पड़ेगा।