अजय हरिनाथ सिंह मुंबई के जाने-माने व्‍यवसायी हैं। डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज के वह मालिक हैं। अजय हाल में सुर्खियों में थे। उनके ग्रुप की कंपनी डार्विन प्लेटफॉर्म इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (DPIL) ने भारत के पहले निजी हिल स्टेशन के अधिग्रहण और उसके कायाकल्‍प करने की बोली जीत ली थी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने लवासा के लिए डार्विन प्लेटफॉर्म की 1,814 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने इस साल जुलाई में लवासा स्मार्ट सिटी पर अपना फैसला सुनाया था। एनसीएलटी ने यह प्रोजेक्‍ट अजय हरिनाथ सिंह के नेतृत्व वाले डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप को दिया था। इनसॉल्‍वेंसी रेजॉल्‍यूशन (दिवाला समाधान) प्रक्रिया शुरू होने के लगभग पांच साल बाद ट्र‍िब्‍यूनल ने प्राइवेट हिल स्टेशन लवासा के लिए 1,814 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। डार्विन प्लेटफॉर्म इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (DPIL) लवासा कॉर्पोरेशन के लिए विजेता बोलीदाता के रूप में उभरा था। लवासा कॉर्पोरेशन मुख्य रूप से पुणे में इसी नाम से निजी हिल स्टेशन के विकास के कारोबार में है।

मुंबई से लगभग 180 किमी दूर पश्चिमी घाट में सह्याद्री पहाड़ों की सुंदर मुलशी घाटी पर लवासा 20,000 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला है। लवासा पहले प्राइवेट शहर से जुड़ी एक परियोजना है। एचसीसी की ओर से 2000 में शुरू की गई लवासा परियोजना कई साल जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण नियमों को लेकर तरह-तरह के विवादों में घिरी रही। इसकी पैसों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। जिन लोगों ने इसमें निवेश किया था, लंबे समय से अपने पैसे वापस पाने का इंतजार कर रहे थे। इनमें प्रोजेक्‍ट में घर खरीदने वाले लोग शामिल हैं।

अजय हरिनाथ सिंह ने 2010 में डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप की स्थापना की थी। डीपीआईएल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर कॉन्‍ट्रैक्‍ट और सर्विसेज में लगा हुआ है। यह ग्रुप बुनियादी ढांचे, रिफाइनरियों, खुदरा और हॉस्पिटैलिटी जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाएं देता है। लवासा परियोजना हासिल करने के बाद अजय हरिनाथ सिंह ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि उनका समूह राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उसका दृष्टिकोण भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए पीएम और गृह मंत्री के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। एनसीएलटी ने उन्‍हें देश में एक महत्वाकांक्षी विश्वस्तरीय स्मार्ट सिटी विकसित करने का चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा है। यह फैसला राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।

समूह की 11 से ज्‍यादा देशों में कम से कम 21 लिस्‍टेड कंपनियां हैं। अजय मुंबई विश्वविद्यालय के स्‍टूडेंट रहे हैं। लवासा के अलावा अजय के डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ने एयरलाइंस जेट एयरवेज और एयर इंडिया के साथ शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अधिग्रहण के लिए हाई-प्रोफाइल बोली प्रक्रियाओं में भी हिस्‍सा लिया था। 2022 में वह कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने की दौड़ में शामिल थे। उनके ग्रुप की नेटवर्थ करीब 68,000 करोड़ रुपये है।