नई दिल्ली. कर्नाटक हिजाब विवाद पर अब खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती और आल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष यासमीन निगार खान ने बुधवार को स्कूलों में यूनिफार्म कोड की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि यदि आप स्कूल परिसर में खुद को बुर्का या हिजाब से ढकते हैं तो यह पहचान का मुद्दा होगा।
निगार खान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पूरे चेहरे को ढकने के बजाय एक स्कार्फ पहना जा सकता है। जब लोग हज के लिए मक्का जाते हैं तो कुछ लोग बुर्का पहनते हैं, कुछ नहीं पहनते। मुझे लगता है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यासमीन निगार खान ने कहा कि स्कूलों में सभी को बराबर होना चाहिए और धर्म का पालन सिर्फ एक हद तक ही करना चाहिए।’
बता दें कि इस मामले की सुनवाई अब हाई कोर्ट की बड़ी बेंच कर रही है। कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है। कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद बुधवार को देशभर में फैल गया। इसपर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कपड़ों को लेकर महिलाओं की पसंद का समर्थन किया जबकि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पोशाक मुद्दे को ‘सांप्रदायिक रंग’ दिए जाने की आलोचना की। इसका असर शैक्षणिक संस्थानों में भी दिखा।
कर्नाटक के हिजाब प्रकरण की देश-विदेश में चर्चा में है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच पूरे देश में मामला सुर्खियों में है। मसले को धार्मिक और सियासी मुद्दा बन जाने से इतर पूरे मामले से प्रगतिशील मुस्लिम महिलाएं और युवतियां देश में खुद के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रही हैं। उनके मुताबिक जिस तरह से हिजाब को मुस्लिम पहचान से जोड़कर इसपर जोर दिया जा रहा है, उसमें आने वाले दिनों में उन लोगों पर हिजाब के साथ पर्दा प्रथा का दबाव बढ़ सकता है। इसी प्रकार जिस तरह से छात्रों में कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला है वह देशहित में नहीं है।