बागपत।   बरनावा में महाभारत कालीन लाक्षागृह पर सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम न्यायालय के फैसले को लेकर मुस्लिम पक्ष बृहस्पतिवार को अपील करने पहुंचा। लेकिन उनके पास न्यायालय की प्रमाणित कॉपी और डिक्री न होने के कारण अपील नहीं हो सकी। जिससे वकील ने उनको लेने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। फैसले की प्रमाणित कॉपी व डिक्री मिलने के बाद ही मुस्लिम पक्ष की ओर से अपील की जाएगी।

बरनावा में मुस्लिम पक्ष के मुकीम खान की तरफ से एक अप्रैल 1970 को बरनावा में प्राचीन टीले पर शेख बदरुद्दीन की मजार व कब्रिस्तान होने का दावा करते हुए खसरा संख्या 3377 की 36 बीघा 6 बिस्से 8 बिस्वांसी जमीन पर मालिकाना हक को याचिका दायर की गई थी। जिसमें उसको ऐतिहासिक टीला महाभारत कालीन लाक्षागृह मानते हुए वहां गुफा व शिव मंदिर के अवशेष होने की बात कहते हुए न्यायाधीश शिवम द्विवेदी ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया।

अधिवक्ता शाहिद अली ने बताया कि अपील करने के लिए न्यायालय के फैसले की प्रमाणित कॉपी और उसकी डिक्री की जरूरत होगी। उसके बाद ही अपील की जा सकेगी। इसलिए पहले उनको लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। अधिवक्ता ने बताया कि उनमें मिलने के बाद न्यायालय में अपील की जाएगी।