लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले पत्रकार रमन कश्यप को लेकर पुलिस की तरफ से जानकारी दी जानी बाकी है. इधर, मृतक के भाई ने दावा किया है कि रमन की मौत SUVs से कुचले जाने के कारण ही हुई है. परिवार का कहना है कि उनकी शिकायत के बावजूद उनकी FIR दर्ज नहीं की गई. साथ ही परिवार ने यह भी कहा कि उन्हें पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली है. हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रमन के शरीर पर निशानों को देखते हुए परिवार का मानना है कि वह भी गाड़ियों के नीचे आने वालों में शामिल था. रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की गाड़ियों के काफिले ने तिकुनिया में विरोध कर रहे किसानों को रौंद दिया था. पुलिस ने अब तक मारे गए 8 लोगों में से 4 की पहचान कर ली है. 35 वर्षीय रमन भी इन्हीं लोगों में शामिल थे.
रिपोर्ट के अनुसार, रमन के भाई पवन ने कहा कि वे इस बात से हैरान है कि कुछ ‘बिकाऊ चैनल’ जो हुआ है, उसे ‘तोड़-मरोड़कर’ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है, ‘वायरल हो रहा वीडियो सब दिखा रहा है. SUVs के नीचे आने के बाद मेरा भाई मारा गया. उसके शरीर पर कार के पहियों के निशान हैं. यह साफ देखा जा सकता है कि यह कैसे हुआ. इस बात में कोई शक नहीं है कि उसकी कैसे मौत हुई. यह इसलिए हुआ, क्योंकि वह मंत्री के बेटे की कारों से कुचला गया था.’ उन्होंने कहा, ‘हम शुरू से एक ही बात कह रहे हैं.’ पवन ने कहा, ‘कुछ चैनलों ने हमारे बयानों को एडिट किया और तोड़ मरोड़कर पेश किया.’
उनके पिता राम दुलारे कश्यप ने सोमवार को निगाहसन पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है. रिपोर्ट के अनुसार, इसमें उन्होंने कहा कि आशीष से संबंधित कार के ऊपर से निकल जाने के बाद आशीष की मौत हुई और उसे ‘गोली भी मारी’ गई. शिकायत के मुताबिक, ‘चश्मदीद गवाहों के अनुसार, कार को कवर करने के दौरान पत्रकार को गोली लगी. फुटेज में भी गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है.’
FIR दर्ज नहीं करने पर निगाहसन एसएचओ राम लखन का कहना है कि शिकायत को तिकुनिया पुलिस स्टेशन बढ़ा दिया गया है. ‘आगे की जांच वहीं होगी.’ पेशे से किसान राम दुलारे का कहना है कि कश्यप के शरीर पर निशान थे, जो दिखा रहे थे कि वह टायर से कुचला गया है. उन्होंने कहा, ‘उसके शरीर में कुछ पत्थर भी फंसे हुए थे.’ राम दुलारे ने कहा कि हमने हमेशा किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा पहले किसान था, फिर बाद में पत्रकार.’
भाई पवन ने बताया कि उन्हें पता था कि कश्यप किसान के विरोध को कवर करने वहां गया हुआ है, लेकिन हिंसा के बाद जब उसका फोन लगातार ‘स्विच्ड ऑफ’ आया, तो उन्हें चिंता हुई. रमन की मौत के बाद बुधवार को उनकी पत्नी आराधना ने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया. उनके 11 और 3 साल के दो बच्चे भी हैं. बुधवार को स्थानीय एसडीएम ने परिवार को सरकार की तरफ से 45 लाख रुपये का चेक दिया. पवन ने कहा कि उन्होंने कश्यप की पत्नी के लिए नौकरी की भी मांग की है, ताकि वे अपने बच्चों की परवरिश कर सके.