मुजफ्फरनगर। कचहरी में आज मेरठ के अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या के प्रकरण में आंदोलन को लेकर अधिवक्ता हडताल पर रहे और पूर्ण नो वर्क रहा। तालाबंदी और हड़ताल होने से वादकारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही बारसंघ ने शुक्रवार को भी नो वर्क घोषित कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला बार संघ और सिविल बार एसोसिएशन में शुक्रवार को भी नो वर्क रहेगा। बार संघ के महासचिव अरूण शर्मा ने बताया कि बार के वरिष्ठ सदस्य सत्यवीर सिंह एडवोकेट का निधन हो जाने के कारण दोनों बार संघों में शुक्रवार को शोक के चलते नो वर्क किया गया है। इस दिन बार द्वारा शोक सभा बुलाई गयी है। कचहरी में अधिवक्ता कार्य से विरत रहेंगे। गुरूवार को भी अधिवक्ताओं का आंदोलन होने के कारण जिला कचहरी में न्यायिक कार्य नहीं हो पाया, जिसके चलते वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला बार संघ के अध्यक्ष कलीराम व महासचिव अरूण कुमार शर्मा के नेतृत्व में तालाबंदी कर अधिवक्ता हडताल पर रहे। अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर ओमकार तोमर एडवोकेट की आत्महत्या के प्रकरण में कडी कार्यवाही करने की मांग की है। अधिवक्ताओं ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों को शीघ्र गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में दण्डित करने व मृतक के परिजनों को एक करोड मुआवजे की मांग तथा एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग की है। इसी प्रकरण में सिविल बार एसोसिएशन में भी अध्यक्ष सुगंध जैन व महासचिव बिजेन्द्र सिंह मलिक के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने अपने चैम्बरों की पूर्ण तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सुगंध जैन, नरेशचंद गुप्ता, नेत्रपाल सिंह, खजान सिंह चौहान, प्रदीप मलिक, चन्द्रवीर सिंह, सुनील गर्ग, जितेन्द्र पाल सिंह, योगेन्द्र मित्तल, राजसिंह रावत, रामबीर सिंह, अशोक कुशवाहा, सतेन्द्र कुमार, प्रवीण खोखर, बिजेन्द्र प्रताप, सोहनलाल, सुधीर गुप्ता, बालेश तायल, नीरज ऐरन, सौरभ पंवार, धीरेन सिंह, मनोज कुमार त्यागी, अनुराग त्यागी, मेहराजुदीन आदि अधिवक्ता मुख्य रूप से मौजूद रहे।
खतौली। मेरठ के अधिवक्ता ओमकार सिंह आत्महत्या प्रकरण में नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी ना होने से क्षुब्ध खतौली तहसील बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने भी गुरुवार को कलमबंद हड़ताल करके तहसील में धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता ओमकार सिंह आत्महत्या प्रकरण के दो माह बीत जाने के बावजूद नामजद आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहे हैं। दबाव के चलते मेरठ पुलिस आरोपियों को पकडऩे के बजाये शिथिलता से कार्य कर रही है। मानसिक उत्पीडऩ के चलते आत्महत्या करने वाले अधिवक्ता ओमकार सिंह द्वारा छोड़े गये सुसाईड नोट में सब कुछ साफ है, फिर भी मेरठ पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में ढिलाई से काम ले रही है। वक्ताओं ने अधिवक्ता ओमकार सिंह को आत्महत्या करने के लिये विवश करने वाले नामजद आरोपियों के शीघ्र गिरफ्तार ना होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।