मुजफ्फरनगर। कोई काॅलोनी काटने के लिए कृषि भूमि को आबादी में दर्ज कराने के लिए अब एमडीए से एनओसी लेनी होगी। अब से पहले सीधे एसडीए यह कार्रवाई करता था। शहर में महायोजना के आधार पर जमीन का डिवीजन होने से यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई है।

मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने महायोजना 2031 को क्रियान्वित करना शुरू कर दिया है। अब कालोनाइजर को उन्हीं क्षेत्रों में आवासीय काॅलोनी बनाने की अनुमति मिलेगी जो आवास के लिए छोड़े गए हैं। महायोजना में जमीन को अलग-अलग कार्य के लिए चिह्नित कर दिया गया है। आवास, व्यवसाय, शिक्षा, चिकित्सा आदि के लिए जमीन अलग-अलग चिह्नित की गई है। महायोजना को लेकर एमडीए ने तहसील को एक पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि कृषि भूमि को आबादी में दर्ज करने के लिए अब एमडीए से एनओसी लेनी होगी। एमडीए के सचिव आदित्य प्रजापति ने बताया कि शासन के निर्देश पर तहसील को यह पत्र जारी किया गया है।

महायोजना में जमीन किस श्रेणी में है यह जानकारी एमडीए को है तो एनओसी भी एमडीए ही देगा। उधर, एसडीएम सदर परमानंद झा ने कहा कि इस संबंध में हमें पत्र प्राप्त हुआ है। हमारी प्रक्रिया में अब एमडीए की एनओसी बढ़ गई है। शासन के आदेश पर यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। इस प्रक्रिया को धारा 143 की कार्रवाई भी कहते हैं।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें