नई दिल्ली. हम आपको एक ऐसे प्रयोग के बारे में बताते हैं, जो Aedes मच्छरों से फैलने वाली डेंगू और मलेरिया की बीमारियों पर रोकथाम में क्रान्तिकारी साबित सकता है. Puducherry में स्थित भारत के सबसे बड़े Vector Control Research Centre में ऐसे मच्छरों पर एक अनोखा शोध किया जा रहा है, जो Aedes मच्छरों के असर को समाप्त कर सकते हैं. यानी डेंगू और मलेरिया के खिलाफ युद्ध में Aedes मच्छरों से लड़ने के लिए खास तरह के मच्छरों की फौज तैयार की जा रही है, जो इस युद्ध में निर्णायक साबित हो सकती है.

इसके लिए वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलिया की मोनाष University से ऐसे मच्छरों के 10 हजार अंडे लाए गए थे, जिनमें एक खास प्रकार का Bug या Bacteria डाला गया था. इस Bacteria का नाम है वॉल-बेकिया.

वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन मच्छरों को इस Bacteria से विकसित किया गया है, अगर वो मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं तो उससे डेंगू होने का खतरा नहीं होता. फिलहाल भारत में ये शोध अपने अंतिम चरण में है. और अगर ये कामयाब रहता है तो इसके बाद इन मच्छरों को किसी रिहायशी इलाक़े में छोड़ा जाएगा और इस दौरान ये देखा जाएगा कि इंसानों पर इन मच्छरों के काटने का क्या असर होता है और क्या इससे डेंगू के मामलों में कोई आती है या नहीं?

इस विषय को लेकर दुनिया में सबसे पहला शोध ऑस्ट्रेलिया की Monash University में शुरू हुआ था. इस शोध के दौरान लैब में विकसित किए गए मच्छरों का सम्पर्क Aedes के मच्छरों से कराया गया. इस शोध में ये बात निकल कर सामने आई कि अगर किसी इलाक़े में लैब द्वारा विकसित किए गए मच्छरों को छोड़ा जाए तो वो Aedes मच्छरों के असर को खत्म कर देते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के Queensland और उसके आसपास के इलाकों में इस प्रयोग से डेंगू के मामलों में 80 प्रतिशत तक की कमी भी आई. फिलहाल इंडोनेशिया और ब्राजील में भी इस तरह के शोध किए जा रहे हैं. अब भारत भी इस दौड़ में आगे आ गया है. Puducherry में स्थित भारत के सबसे बड़े Vector Control Research Centre में इस विषय पर जोर-शोर से रिसर्च चल रहा है. अगर यह शोध कामयाब होता है तो मच्छरजनित बीमारियों के खात्मे के लिए बड़ी काम की चीज साबित होगा.