नई दिल्ली. पेट्रोल-डीजल कारों की तरह अब जल्द ही इलेक्ट्रिक कारें भी बिना रुके लंबा सफर तय कर सकेंगी. हाल ही में मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स ने वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सिस्टम बनाया है. इसकी बदौलत अब ड्राइविंग करते समय भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज कर सकेंगे.

स्टूडेंट्स ने बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल बेहद जरूरी हैं. फिलहाल में अभी देश में इनकी मांग बहुत ज्यादा नहीं है. इसकी वजह है कि चार्जिंग प्वाइंट सीमित होने के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल लंबी दूरी तय नहीं कर सकते. इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्टूडेंट्स ने बताया कि इस सिस्टम के लिए सड़क किनारे टावर लगाए जाएंगे और कार में एक रिसीवर लगाया जाएगा. जैसे ही कार टावर की रेंज में आएगी कार की बैटरी चार्ज होने लगेगी. हालांकि, अभी इसके रिसीवर की रेंज बहुत कम है, लेकिन इसकी स्पीड बढ़ाने पर काम चल रहा है. यह बिल्कुल वायरलेस मोबाइल चार्जर की तरह है.

इस इनोवेशन से जुड़े एक स्टूडेंट रोहित ने बताया कि वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग सिस्टम के बारे में वे बहुत पहले से सोच रहे थे. लेकिन इसे बनाने के लिए वे कई मुश्किलों का सामना कर रहे थे, क्योंकि किसी भी तरफ से मदद नहीं मिल रही थी. जब इस बारे में अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर से कॉन्टैक्ट किया, तो प्रोजेक्ट का सिलेक्शन हो गया. हमें एक प्रोटोटाइप बनाने के लिए फंड और एक लेबोरेटरी मिली, जिसके कारण काम आसानी से किया जा रहा है.

MIET के वाइस प्रेसिडेंट पुनीत अग्रवाल ने कहा, “हमारे कॉलेज में अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर है, जहां स्टूडेंट्स इनोवेशन कर सकते हैं. हम उनके विचारों के लिए हर संभव मदद देने की कोशिश करते हैं.” यूनिवर्सिटी के सीनियर साइंटिस्ट महादेव पांडेय ने कहा कि यह टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स सिस्टम के बेस पर काम करती है. यह जनहित में एक बहुत अच्छा इनोवेशन है. उन्होंने कहा कि यह तकनीक देश के विकास में भागीदार हो सकती है, बशर्ते इसकी सीमा बढ़ाई जाए.