मुजफ्फरनगर। शहर में अब दिन में स्ट्रीट लाइट जलती दिखाई नहीं देंगी। नगर पालिका ने दो हजार सेंसर खरीदने का निर्णय लिया है। फोटो वोल्टिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित सेंसर लगी स्ट्रीट लाइटें सुबह को रोशनी होते ही अपने आप बुझ जाएगी। शाम को अंधेरा होते ही अपने आप जल जाएगी। पालिका इस पर दस लाख 19 हजार 200 रुपये खर्च करेगी।
शहर में सुबह होने के बाद भी काफी संख्या में स्ट्रीट लाइट जलती रहती है और बिजली का बड़ा नुकसान होता है। मगर, अब ऐसा नहीं होगा। नगर पालिका क्षेत्र में लगी स्ट्रीट लाइटों को जलाने और बुझाने का काम अब सेंसर करेंगे। फोटो वोल्टिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित सेंसर सूर्य का प्रकाश पांच लक्स से 15 लक्स के बीच होते ही स्वचालित हो जाएगा। रेटिड करंट तकनीक में होने के कारण मात्र छह एंपियर के विद्युत व्यय पर उपकरण कार्य करेगा। नई तकनीक से बिजली का दुरुपयोग रुकेगा और स्वीच को जलाने बुझाने की टेंशन भी खत्म होगी। राज्य वित्त के बजट से यह तकनीक लगेगी। पालिका इस व्यवस्था को बनाने के लिए 2000 सेंसर खरीद रही है। इस पर पालिका का कुल दस लाख 19 हजार 200 रुपया खर्च होगा।
नगर पालिका क्षेत्र में सभी स्ट्रीट लाइटों पर 250 वॉट की सोडियम लाइट लगी थी। प्रति माह का 90 लाख का बिजली का बिल आता था। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने इन सबको उतरवाकर दो करोड़ 10 लाख में 45 वॉट की एलईडी लाइट लगवाई, जिसके बाद बिल 15 लाख का आने लगा। बिजली का अपव्यय कम हुआ।
चेयरमैन अंजू अग्रवाल का कहना है कि हमारा प्रयास पालिका का पैसा बचाना है। नाला सफाई के नाम पर होने वाला करोड़ों रुपया बचाया है। साथ ही बिजली के बिल पर खर्च होने वाली बड़ी रकम को कम किया है। हम लगातार यही प्रयास कर रहे हैं।