मुजफ्फरनगर | रामपुर तिराहा कांड में पीड़िता के अदालत में बयान दर्ज कराए गए। आरोपियों की पहचान के लिए फोटो दिखाए। पीड़िता ने एक आरोपी की फोटो के आधार पर पहचान करते हुए कहा कि इसी ने जुल्म ढ़हाया था।

अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और बचाव पक्ष के श्रवण कुमार एडवोकेट ने बताया कि गुरुवार को उत्तराखंड से दो पीड़िता अदालत लाई गई। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।

अदालत ने पीडि़ताओं के बयान दर्ज किए गए। अदालत की पत्रावलियों पर उपलब्ध आरोपियों के फोटो पीड़िता को दिखाए गए। इनमें पीड़िता ने एक आरोपी को पहचान लिया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को जारी रहेगी। पीड़िताओं के बयान पर जिरह होगी।

पीड़िता ने अदालत में बताया कि बस में पुलिसवाले चढ़ गए थे। इसके बाद उसके गले से सोने की चेन लूट ली गई। बस में सवार लोगों की पिटाई की और दुष्कर्म किया गया। पुलिस वाले गाली दे रहे थे।

एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के ट्रायल मुकदमों की सुनवाई अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह कर रहे हैं।