नई दिल्ली। कम पैसे का निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाने की तमन्ना हर किसी को होती है। लोग इसके लिए कई बार गलत चीजों का सहारा भी लेते हैं। इससे उन्हें न सिर्फ नुकसान उठाना पड़ता है, बल्कि वे कानूनी पचड़े में भी फंस जाते हैं। बैंक एफडी और शेयर बाजार भी निवेश का अच्छा माध्यम हैं लेकिन जहां बैंक एफडी में ब्याज दरें बहुत आकर्षक नहीं रह गई हैं, वहीं रिस्की इंस्ट्रूमेंट होने के कारण शेयर बाजार को लेकर अधिकतर लोगों में एक झिझक रहती है।

अगर आप एक बार पैसा लगाकर घर बैठे बढ़िया मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में निवेश करना चाहिए। एक सुरक्षित निवेश के रूप में डाकघर की सेविंग स्कीम्स आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय रही हैं। हाल ही में सरकार ने इनकी ब्याज दरें और भी बढ़ा दी हैं। जिन जमाओं में ब्याज दरों में वृद्धि हुई है वे हैं डाकघरों में 2 और 3 साल की सावधि जमाएं, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, किसान विकास पत्र, डाकघर मासिक आय खाता आदि।

पोस्ट ऑफिस की योजनाएं उन व्यक्तियों को निवेश का बेहतरीन अवसर देती है जो अधिक रिस्क लेना पसंद नहीं करते। इंडिया पोस्ट की योजनाएं सरकार के समर्थन से चलाई जाती हैं। वे अधिक सुरक्षित होती हैं, इसके अलावा इनमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80सी के तहत कर में छूट भी मिलती है।

इससे पहले छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान संशोधित किया गया था। उस समय सरकार ने इन योजनाओं पर ब्याज घटा दिया था। लेकिन इस बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। नई दरें 1 अक्टूबर से लागू हो गई हैं।

डाकघर की 2-वर्ष की एफडी पर मिलने वाले ब्याज में 20 आधार अंकों की वृद्धि की गई है और अब ब्याज दर 5.7 प्रतिशत हो गई है। पहले इन पर 5.5 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था।

डाकघर 3-वर्षीय सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर 30 आधार अंकों की वृद्धि हुई है। इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से 5.8 प्रतिशत हो गई है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अब आपको 7.4 प्रतिशत के जगह 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
मासिक आय योजना पर अब 6.7 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है, जबकि पहले यह 6.6 प्रतिशत थी। इसमें 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है।
सुकन्या समृद्धि योजना, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सरकार ने किसान विकास पत्र योजना में एक बड़ा बदलाव करते हुए इस योजना की परिपक्वता अवधि और ब्याज, दोनों को मॉडिफाई कर दिया है। पहले जहां इस योजना की मच्योरिटी अवधि 124 महीने थी, अब इसे घटाकर 123 महीने कर दिया गया है। ब्याज दर में भी परिवर्तन हो गया है और यह पहले के 6.9 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर अब 7 प्रतिशत हो गया है।