नई दिल्ली. भारत सरकार ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के बजाय वैकल्पिक स्रोतों पर खूब जोर दे रही है. सरकार डीजल-पेट्रोल की खपत कम कर इम्पोर्ट बिल कम करना चाहती है. इससे देश को विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में तो फायदा होगा ही, साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलगी. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने साल 2030 तक 40 फीसदी बिजली का उत्पादन गैर-पारंपरिक तरीकों से करने का लक्ष्य तय किया है.

सरकार ने इस साल के अंत तक सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है, जिसमें से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन छतों पर सोलर पैनल लगाकर करने की योजना है. लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार घर की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है.

यह योजना लोगों के लिए कई लिहाज से फायदेमंद है. सबसे पहले तो इस स्कीम के तहत सोलर पैनल लगवाने से खर्च कम आता है, क्योंकि इसका एक हिस्सा सरकार से सब्सिडी के तौर पर मिल जाता है. केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें अपनी ओर से भी अतिरिक्त सब्सिडी दे रही हैं. दूसरी ओर सोलर पैनल लग जाने से बिजली बिल का झंझट समाप्त हो जाता है.

आपके घर में रोजाना इस्तेमाल के लायक बिजली छत पर ही सोलर पैनल से तैयार हो जाती है. इसका तीसरा फायदा यह है कि इस स्कीम में कमाने के भी मौके मिलते हैं. अगर घर की छत पर लगे सोलर पैनल आपकी जरूरत से ज्यादा बिजली बना रहे हैं, तो बिजली वितरण कंपनियां आपसे ये खरीद लेंगी. इस तरह देखें तो सोलर रूफटॉप सब्सिडी स्कीम एक साथ तीन-तीन जबरदस्त फायदे देती है.