नई दिल्ली। भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में तेज बढ़ोतरी का असर आम आदमी की जेब पर पड़ा है। हालांकि, महंगाई के बढ़ते स्तर के बीच देश में पिछले 15 दिनों से तेल कंपनियों ने कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इससे 1 अगस्त को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 101.83 रुपए पर स्थिर रहा, जबकि मुंबई में पेट्रोल इस वक्त 107.83 रुपए में प्रति लीटर की कीमत पर मिल रहा है। उधर भारत में पेट्रोल की सबसे ज्यादा कीमत राजस्थान के श्रीगंगानगर में है। यहां फिलहाल पेट्रोल 113 रुपए के ऊपर है। इस आंकड़े की तुलना अगर दुनिया के सभी देशों से की जाए, तो सामने आता है कि भारत में पेट्रोल कुल 130 देशों से ज्यादा महंगा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में पेट्रोल की कीमत जिन देशों के मुकाबले ज्यादा है, उनमें सभी पड़ोसी देश शामिल हैं। जहां पाकिस्तान में तेल इस वक्त 52 रुपए में है, वहीं भूटान में इसकी कीमत 68.44 रुपए है। उधर श्रीलंका में पेट्रोल इस वक्त 68.64 रुपए पर है। इसके अलावा बांग्लादेश में पेट्रोल 77.92 रुपए और नेपाल में इसकी कीमत 78.23 रुपए है। उत्तर और पूर्व सीमा पर भारत से सटे चीन में भी पेट्रोल इस वक्त 85.11 रुपए के स्तर पर ही है।
दुनियाभर में पेट्रोल के दामों की तुलना करें, तो इस वक्त सबसे सस्ता ईधन वेनेजुएला में है। इस दक्षिण अमेरिकी देश में पेट्रोल की कीमत महज 1.48 रुपए ही है। वहीं इसके बाद अगला नंबर भारत के करीब स्थित ईरान का है, जहां पेट्रोल 4.82 रुपए में है। हालांकि, अमेरिका की ओर से लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंधों के चलते जहां वेनेजुएला से भारत सीमित तेल ही खरीदता है, वहीं ईरान से तेल की खरीद पिछले तीन सालों से थमी है।
उधर जिन देशों में तेल सबसे महंगा है, उनमें हॉन्गकॉन्ग शामिल है। यहां पेट्रोल 188.72 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा है। जबकि लेबनान में पेट्रोल की कीमत 186.99 रुपए प्रति लीटर है। उसके बाद नीदरलैंड, नार्वे, डेनमार्क, इजरायल जैसे देशों में पेट्रोल भारत से भी महंगा है।
पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए पहले लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में पेट्रोल के दाम 69.59 रुपये प्रति लीटर पर थे। हालांकि, अप्रैल 2020 से अब तक इसकी कीमतें 32.25 रुपये प्रति लीटर बढ़कर अब 101.83 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी में इस अवधि के दौरान डीजल की कीमतें 27.58 रुपये प्रति लीटर 62.29 रुपये से बढ़कर 89.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं। खासकर ओपेक देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के मकसद से कच्चे तेल के उत्पादन को सीमित कर दिया है, जिससे इसकी कीमत वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है। भारत जिन देशों से फिलहाल तेल खरीदता है, उनसे अपील करने के बावजूद कच्चे तेल की कीमतें कम नहीं हुईं। इतना ही नहीं पिछले कुछ दिनों में तेल की कीमतों में उछाल भी दर्ज किया गया, जिसके चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद अब काफी कम दिख रही है।