नोएडा। यमुना की 400 किमी लंबी सहायक नदी हिंडन में औद्योगिक कचरा और घरेलू सीवर गिरना बंद नहीं हो रहा है। उद्योग और नगर निकाय भी इसे रोकने के लिए गंभीर नहीं हैं। ऐसे में अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सात जिलों के नगर निकायों के खिलाफ आपराधिक कृत्य के लिए कार्रवाई करने का आदेश यूपीपीसीबी को दिया है। उद्योगों पर भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जुर्माना लगेगा।

अभिष्ट कुमार गुप्ता बनाम अन्य वाद की सुनवाई में एनजीटी के सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी, डॉ. ए सेंथिल वेल ने सदस्य सचिव यूपीपीसीबी को आदेश दिया है कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिलों के नगर निकायों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करे। यूपीपीसीबी यह कार्रवाई वाटर पॉल्यूशन एक्ट 1974 के तहत करेगा। इसमें छह साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना जिम्मेदार अधिकारियों पर लग सकता है। इसके अलावा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्याेगों पर भी पर्यावरणीय जुर्माना लगेगा। दो महीने में कार्रवाई कर यूपीपीसीबी अपनी रिपोर्ट देगा। इस मामले में अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।