मुज़फ्फरनगर। जिला जज से पूर्व में किए गए विचार विमर्श तथा मौखिक आदेश का अनुपालन करते हुए विभिन्न न्यायालयों से स्थानांतरित किए गए थानों के संबंध में पारित किए गए आदेश का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से जनपद न्यायाधीश के अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। सीजेएम मुजफ्फरनगर द्वारा आदेश दिनांकित 16 जनवरी 2024 स्थगित कर दिया गया है, जिसके द्वारा कई थानों का क्षेत्राधिकार स्थानांतरित करके जानसठ स्थित न्यायालय में कर दिया गया था, पर फ़िलहाल रोक लगा दी गई है। जिला बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के सदस्यों/ अधिवक्ताओं के ऐतराज जाहिर करने के बाद यह मामला गर्मा गया था। इस आदेश में जानसठ, सिखेड़ा, भोपा, ककरौली, मीरापुर थाने के मुकदमे जानसठ कोर्ट में स्थानांतरित कर दिए गए थे।
नवसृजित जानसठ कोर्ट में जानसठ समेत छह थानों के सिविल व फौजदारी मुकदमों के ट्रांसफर किये जाने से जिला बार संघ व सिविल बार एसोसिएशन ने आक्रोश जताते हुए अनिश्चितकालीन हडताल कर रखी है। दोनों बार के लगभग 3 हजार अधिवक्ताओं द्वारा अनिश्चितकालीन हडताल के एलान के कारण कचहरी में कोई काम नहीं हो रहा है। शुक्रवार को भी कचहरी में सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। वरिष्ठ बसपा नेता व अधिवक्ता चांद सिंह कश्यप का निधन होने के कचहरी में शुक्रवार को भी नो-वर्क रहेगा। जिला बार एसोसिएशन व सिविल बार एसोसिएशन की आम सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार एक 11 सदस्यों की कमेटी अशोक कुमार चौहान वरिष्ठतम उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित की गई है,
जो 18 जनवरी से आगामी निर्णय तक किसी भी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में कार्य करने की जांच करेगी और जांच अनुसार दोषी अधिवक्ताओं के विरुद्ध समुचित कार्यवाही की जाएगी। जिला बार एसोसिएशन एवं सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के सभी अधिवक्ताओं से आग्रह किया गया था बार के विरोध के बाद फ़िलहाल जानसठ कोर्ट में मुकदमे ट्रांसफर करने का विवाद अब शांत हो गया है जिसके बाद अब वकीलों की हड़ताल आगे जारी रहने की सम्भावना कम है, लेकिन अंतिम निर्णय शुक्रवार के बाद होगा।शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता चाँद सिंह कश्यप के निधन के कारण न्यायालयों में काम काज नहीं होगा।