मुजफ्फरनगर। कहावत है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। मुजफ्फरनगर के रहने वाले तेजपाल सिंह ने इस कहावत को सिद्ध कर दिया है। उन्होंने 72 साल की उम्र में एमए की पांचवीं डिग्री प्राप्त की है। 2012 में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी अलग-अलग पाठ्यक्रम में चार डिग्री हासिल की है।

मूल रूप से बागपत स्थित गाव छछरपुर निवासी तेजपाल सिंह वर्तमान में मुजफ्फरनगर में रहते है। उन्होंने बताया कि 1967 में 17 साल की उम्र में हाईस्कूल की थी। इसके बाद 1972 में बीएससी की और फिर 1977 में बीएड की डिग्री ली। 28 अक्तूबर 1978 को वह जनता इंटर कॉलेज कुटेसरा में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए। इसके बाद आगे भी पढ़ाई करने का मन हुआ। उन्होंने 1983 में एमए इतिहास की डिग्री ली। 2001 में एमए राजनिति विज्ञान की डिग्री प्राप्त की। एक जुलाई 2006 को इनकी प्रोन्नति हुई और प्रधानाध्यापक बन गए। 30 जून 2012 में वे सेवानिवृत्त हो गए।

उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त होने के बाद 2012 में एमए शिक्षा शास्त्र में एडमिशन ले लिया और 2013 में इसकी डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 2016 में एमए समाज शास्त्र की डिग्री ली। 2020 में एलएलबी की और 2022 में 72 वर्ष की आयु में हिंदी विषय से एमए की।

तेजपाल सिंह ने का कहना है कि आचार, विचार और व्यवहार हमेशा ठीक रहना चाहिए। दूसरा चिंतन, मनन और तर्क करने की शक्ति होनी चाहिए। संयम, साहस और विवेक होना जरूरी है।
अब भी छात्रों को पढ़ा रहे गणित

सेवानिवृत्त होने के बाद 2013 से 2016 तक उन्होंने त्रिदेव कॉलेज ऑफ एजूकेशन में पढ़ाया। 2016 से अब तक वह दीन दयाल कॉलेज मुजफ्फरनगर में गणित और समकालीन शिक्षा पढ़ा रहे है।