मुजफ्फरनगर । काशीराम आवास कॉलोनी में रहने वाले गरीब लोग इस समय कुछ हिंदूवादी नेताओं के मकड़जाल में फंस रहे हैं। आरोप है कि पिछले काफी समय से कुछ हिंदूवादी नेताओं की आवाजाही मुजफ्फरनगर की काशीराम आवासीय कॉलोनी में हो रही है।

मुजफ्फरनगर में थाना सिविल लाइन क्षेत्र के सर्कुलर रोड स्थित शाकुंतलम् आवासीय कॉलोनी के निकट उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारी मायावती ने गरीब लोगों के रहने के लिए कांशीराम आवासों का निर्माण कराया गया था, जिसमें यह आवास गरीब और निर्बल लोगों को दिए गए थे, जिसके बाद थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के खंजापुर में भी काशीराम आवास का निर्माण कराया गया था‌, मगर 2012 में बसपा की सरकार नहीं रही थी और अखिलेश यादव की सरकार आ गई थी, जिसमें काशीराम आवास का निर्माण होने के बावजूद भी यह आवास किसी को आवंटित नहीं हो सके थे, काफी समय खाली पड़े रहने के बाद गरीब लोगों को आवंटित कराए गए थे, मगर देखते ही देखते काशीराम आवास के लोगों को कुछ हिंदूवादी नेताओं की नजर लग गई और इन दोनों कालोनियों में कुछ कथित हिंदूवादी नेताओं का हस्तक्षेप इतना बढ़ गया कि ओके ज्यादातर फैसले लिए कथित हिंदूवादी नेता ही करने लगे। पिछले काफी समय से इन कालोनियों में कायत बाजी के बाद कुछ मकान निरस्त कराए गए थे और दूसरे गरीब लोगों को आवंटित किए थे ।

काशीराम आवास कॉलोनी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि अगर कोई मजदूर मजदूरी करने के लिए कई भट्टे या अन्य स्थानों पर चला जाता है। या फिर बीमारी की वजह से कहीं इलाज कराने के लिए बस 15 दिन के लिए चला जाता है तो उक्त हिंदूवादी नेता वहां पैसे लेकर उस गरीब के घर का ताला तोड़ समान फेंकते हैं और दूसरे व्यक्ति को घुसा देते हैं।

बताया जा रहा है कि 2 दिन पहले छत के रास्ते से दे कुछ हिंदूवादी नेताओं ने जैसे ही एक मकान का ताला तोड़कर किसी दूसरे व्यक्ति को उस मकान में घुसाने का प्रयास किया तो उस मकान में रहने वाला वृद्ध दंपत्ति भी मौके पर पहुंच गया धक्का-मुक्की हुई आरोप है कि हिंदूवादी नेताओं ने महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की और गाली गलौज की जिसके बाद कॉलोनी के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और इन हिंदूवादी नेताओं की जमकर धुनाई की गई, मगर किसी तरह यह वहां से निकल कर सीधे सुजडू चुंगी पुलिस चौकी पर पहुंच गए काफी हंगामा हुआ काशीराम आवास के लोग भी पुलिस चौकी ही पहुंच गए दोनों तरफ से तहरीर दी गई आरोप है कि उक्त लोगों से पुलिस की भी मिलीभगत है।

बताया जा रहा है कि दरोगा या पुलिसकर्मी जाते हैं और तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर मकान खाली कराते हैं। मोहल्ला वासियों का कहना है कि उक्त लोग मुजफ्फरनगर के पूर्व अपर जिलाधिकारी अमित कुमार के नाम से मकान आवंटन का आदेश लाते हैं, जिसके सामने गरीब लोग चुपचाप रोते बिलखते घर छोड़ कर चले जाते हैं। इन लोगों की मुखबिरी करने के लिए भी कॉलोनी में ही कुछ लोग मौजूद है, किसी भी मकान का अगर ज्यादा दिन तक ताला लगा होता है, तो मुखबिर की सूचना पर तुरंत उक्त गिरोह पहुंच जाता है और ताला तोड़कर अपना काम करके निकल जाता है।

बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर के पूर्व अपर जिलाधिकारी के आवंटन पत्र अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं, अगर कोई पूछता है तो यह कहते हैं कि यह आवंटन उसी समय का है और यह पेंडिंग चल रहा था। मोहल्ले के लोगों ने इकट्ठा होकर मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई । अब देखना होगा कि इन लोगों पर कार्यवाही होगी या नहीं मगर यह बात सत्य है कि कांशीराम आवासीय कॉलोनी में एक बार जांच कराने की आवश्यकता है कि कौन लोग यहां अवैध रूप से रह रहे हैं और किसके नाम इन मकानों का आवंटन है।