मुजफ्फरनगर। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की बैठक हुई। इसमं ठगी जमाकर्ता उन्मूलन संस्था के पदाधिकारियों ने चिटफंड कंपनियों में निवेश किए गए रुपयों को लेकर विचार विमर्श किया। कहा कि तमाम चिटफंड कंपनियों में जिले के लोगों के करीब 250 करोड़ रुपये फंसे हुए है। इसको लेकर जिले में खिड़की खोली जानी चाहिए।

संस्था अध्यक्ष सुशील गोयल, संरक्षक सतीश और मंत्री केतन कर्णवाल ने मंडल के प्रदेश मंत्री संजय मित्तल के सामने समस्याएं रखी। बताया कि विभिन्न चिटफंड कंपनियों ने जनता का पैसा अच्छी ब्याज दरों का लालच देकर एफडी, आरडी समेत अन्य योजनाओं के रूप में निवेश कराया है। सभी कंपनियों को सरकार से मान्यता प्राप्त थी, लेकिन बाद में इन कंपनियों को बंद कर दिया गया और जनता की मेहनत का पैसा फंस गया। जिले के करीब 70-80 हजार लोगों का पैसा चिटफंड कंपनियों में फंसा हुआ है।

कि सरकार ने 2019 में एक विशेष कानून पास किया था, जिसमें निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए हर जिले में खिड़की खोले जाने की बात कही थी। कई जिलों में यह खिड़की खोली गई है, लेकिन मुजफ्फरनगर में अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह जिलाधिकारी कार्यालय पर खिड़की खोले जाने के लिए मिलेंगे। इस मौके पर जयपाल शर्मा, अंशुमान अग्रवाल, डॉ. पुनीत सिंघल, दिलीप मौजूद रहे।