मुजफ्फरनगर. एक तरफ सरकार ने पर्यावरण को बचाने की मुहिम चला रखी है और दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर शहर के बीचोंबीच सड़क पर लगभग दो सौ साल पुराने पिलखन के पेड़ को रात में काट दिया गया। रात में सिर्फ दो घंटे में कचहरी के सामने स्थित पिलखन के पेड़ को काटा गया और किसी को पता नहीं चल। सुबह दुकानदार पहुंचे तो पेड़ मौके पर नहीं था। प्रशासन, वन विभाग और पुलिस ने जानकारी से इन्कार किया है।

कोर्ट रोड पर पुराने पुलिस क्लब और कचहरी के सामने लगभग 200 साल पुराना पिलखन का पेड़ एतिहासिक पेड़ था। कई दौर का गवाह रहे पेड़ का दुकानदारों और राहगीरों को सहारा था। आधी सड़क पर पेड़ की छांव रहती थी। इस मार्ग पर देर रात में भी लोगों का आवागमन रहता है।

सुबह चार बजे से वाहन निगलने शुरू हो जाते हैं। लोगों का कहना है कि लगभग रात दस बजे तक दुकानदार घर गए थे, तब पेड़ मौजूद था। दिन निकलने पर पहुंचे तो वहां पेड़ नहीं मिला। पेड़ की सिर्फ जड़ ही रह गई थी। यह पेड़ लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पक्षियों के लिए यह बड़ा ठिकाना था। लोगों का कहना है कि यह पेड़ लगभग 200 साल पुराना था।

कोर्ट रोड पर चश्मा विक्रेता राजन का कहना है कि तपती धूप में इस पेड़ के नीचे खड़े होने से गर्मी का अहसास कम हो जाता था। वह पूरा दिन इस पेड़ के नीचे बिता देते थे। पेड़ सैकड़ों साल पुराना था। पेड़ इतना बड़ा था कि आधी सड़क पर छांव रहती थी।

कोर्ट रोड पर पौधे बेचने वाले रामपाल कश्यप का कहना है कि 40 साल से वह इस पेड़ को ऐसा ही देख रहे थे। बुधवार सुबह आए तो अचंभे में रह गए। वह भी तेज धूप में इस पेड़ के नीचे ही खड़े हो जाते थे। ग्राहक आता तो अपनी दुकान पर पहुंच जाते थे।

डीएफओ कन्हैया पटेल का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं है कि पेड़ काटने की अनुमति ली गई है कि नहीं। अपने अधीनस्थ से पता कराएंगे कि पेड़ कटान के लिए जरूरी प्रक्रिया हुई है कि नहीं।

ईओ हेमराज का कहना है कि उन्हें कुछ भी मालूम नहीं है। पेड़ काटने की अनुमति पालिका से नहीं ली गई है।

डीएम सीबी सिंह का कहना है कि कोर्ट रोड से पेड़ काटे जाने की जानकारी नहीं है। पेड़ कटा है तो पालिका, वन विभाग से अनुमति ली गई होगी। वह पता कराएंगे।