मुजफ्फरनगर। मैनपुरी जेल में बंद कुख्यात संजीव जीवा के परिवार की सियासी उड़ान परवान नहीं चढ़ पाई। जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने रालोद के टिकट पर 2017 में सदर सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
जीवा गिरोह के सदस्य सदरुद्दीननगर निवासी अनिल उर्फ पिंटू माजरा के पास से शामली में एके-47 और 13 सौ कारतूस बरामद होने पर पुलिस गिरोह के सदस्यों की कुंडलियां खंगाल रही है। शुक्रवार को शामली के आदमपुर में जीवा और उसके परिवार की 21 बीघा जमीन को कुर्क कर लिया। जीवा के परिवार की राजनीति में रसूख बनाने की ख्वाहिश भी रही है। जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने 2017 में मुजफ्फरनगर सदर सीट से चुनाव लड़ा था। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वह सदर सीट से टिकट की दावेदार थी, लेकिन गठबंधन से पायल को टिकट नहीं मिला।
खुफिया विभाग तलाश रहा संपत्ति
शामली में कार्रवाई के बाद पुलिस अब गोपनीय तरीके से जीवा की अन्य शहरों में संपत्ति को भी तलाश रही है। यह जानकारी जुटाई जा रही है कि कहां-कहां जीवा की संपत्ति है।
ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद हुआ कुख्यात
आदमपुर गांव निवासी संजीव जीवा शामली के एक नर्सिंग होम में काम करता था। यहीं से अपराध की दुनिया में कदम रखा। फर्रुखाबाद में 10 फरवरी, 1997 को हुई पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या में नाम आने के बाद संजीव जीवा जरायम की दुनिया में सुर्खियों में आया था। इसके बाद 2005 में गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या में बजरंगी और जीवा को पुलिस ने आरोपी बनाया था।
बजरंगी से नजदीकियों के बाद मूंछ से तनातनी
बागपत जेल में मारे गए पूर्वांचल के कुख्यात मुन्ना बजरंगी से संजीव जीवा की नजदीकियां रही है। कुख्यात सुशील मूंछ और बजरंगी के बीच दुश्मनी रही, इसी वजह से जीवा और मूंछ के बीच भी तनातनी रहती है।