सिसौली (मुजफ्फरनगर)। भाकियू की राजधानी सिसौली में पुलिस की मौजूदगी में स्थानीय विधायक उमेश मलिक के साथ हुई घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। हमले की वीडियो में सीओ और एसओ भी दिखाई दे रहे हैं। पुलिस कर्मियों की संख्या भी कम नहीं थी, लेकिन सभी मूकदर्शक बने रहे। भाकियू के गढ़ में पुलिस पूरी तरह से दबाव में नजर आई।

भौराकलां थानाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह रावत के साथ सिसौली में पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। विधायक के विरोध की सूचना पर सीओ फुगाना शरतचंद्र शर्मा भी सिसौली पहुंच गए थे। जिस समय विधायक उमेश मलिक को दौड़ाया गया, उनकी गाड़ी पर कालिख फेंकी गई। पथराव कर गाड़ी तोड़ दी गई, सुरक्षा में तैनात सिपाहियों ने बड़ी मुश्किल में अपनी जान बचाई। पूरा घटनाक्रम बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों और पुलिस अफसरों की मौजूदगी में हुआ। सत्ताधारी विधायक की सुरक्षा पुलिस नहीं कर पाई। यदि विधायक का गाडी चालक किसी तरह गाड़ी नहीं निकाल पाता तो विधायक के साथ अनहोनी हो सकती थी। चलती गाड़ी पर भी पथराव होता रहा।