मुजफ्फरनगर. शुक्रवार की देर रात्रि माता वैष्णो देवी भवन पर हादसा होने के समय बड़ी संख्या में मुजफ्फरनगर के श्रद्धालु भी मौजूद थे। उन्होंने वहां की स्थिति से हिंदुस्तान को अवगत कराया। उनके अनुसार हादसे के बाद रात्रि में करीब एक बजे माता के दर्शन पर रोक लगा दी गई थी। जम्मू प्रशासन को व्यवस्था बनाने में कई घंटे लगे।

मुजफ्फरनगर के श्रद्धालुओं ने बताया कि शनिवार सुबह दस बजे ऊपर भवन में मौजूद श्रद्धालुओं को माता रानी के दर्शन करने की अनुमति दी गई, लेकिन कटरा में मौजूद श्रद्धालुओं को ऊपर भेजने की व्यवस्था तत्काल नहीं की गई। दोपहर करीब एक बजे कटरा में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर्ची की व्यवस्था की गई। मोहल्ला कृष्णापुरी से साथियों के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु एवं नगरपालिका सभासद राजीव शर्मा ने बताया कि शनिवार की रात में अर्द्धकुवारी पर श्रद्धालुओं को रोक दिया गया। यहां पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालु रुके हैं। कृष्णापुरी निवासी सभासद राजीव शर्मा प्रतिवर्ष की भाति इस वर्ष भी नववर्ष पर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अपने करीब 45 साथियों के साथ गए हुए हैं। राजीव शर्मा ने बताया कि शुक्रवार की देर रात्रि हुए हादसे के बाद भवन पर माता के दर्शन पर रोक लगा दी गई। शनिवार सुबह करीब दस बजे माता रानी के दर्शन के लिए व्यवस्था की गई। भवन पर मौजूद श्रद्धालुओं को आराम के साथ माता रानी के दर्शन कराए।

राजीव शर्मा ने बताया कि शनिवार दोपहर करीब एक बजे कटरा में दर्शन पर्ची की व्यवस्था शुरू की गई है। दर्शन पर्ची बनवाने के लिए श्रद्धालुओं की करीब तीन से चार किमी लंबी लाइन लगी रही। इसके बाद कटरा से अन्य श्रद्धालुओं की यात्रा को शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि माता अर्द्धकुवारी पर श्रद्धालुओं को फिलहाल रोक दिया गया। यहां पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ है। धीरे-धीरे व्यवस्था को बनाते हुए यात्रा को शुरू किया गया, लेकिन शनिवार रात्रि नौ बजे फिर से यात्रा को अनाउंसमेंट कर रोक दिया गया। शनिवार रात को श्रद्धालुओं से कहा गया है कि जो जहां पर है वहीं पर आसपास सुरक्षित स्थान देखकर रुक जाए।

मुजफ्फरनगर से माता के दर्शन करने के लिए गए श्रद्धालु प्रवीण सैनी, कुलदीप पंवार, प्रशांत शर्मा, राजा, जसवीर सिंह, देवेंद्र शर्मा, रितिक कुमार, रॉबिन चौधरी, गौरव चौधरी आदि ने कहा कि हादसे के बाद कुछ अव्यवस्था तो है लेकिन सभी तीर्थयात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वह भी अर्द्धकुंवारी के भवन के पास ही अपने पूरे ग्रुप के साथ मौजूद हैं।