मेरठ. त्योहारों का सीजन चल रहा है। श्राद्ध पक्ष शुरु होने में एक सप्ताह का समय बचा है। लेकिन सब्जियों के दाम आसमान पर है। मौसमी सब्जी के दामों ने रसोई का बजट भी बिगाड़कर रख दिया है। वेस्ट यूपी में सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन करने वाले मेरठ और हापुड़ जिले में भी इस बार सब्जी की मार पड़ रही है। पूरा साल में टमाटर के दाम 50 रुपये प्रति किग्रा से कम नहीं हुए हैं।
मेरठ से ज्यादा इस समय गाजियाबाद नोएडा में सब्जी के दाम महंगे हैं। नोएडा में सब्जी का उत्पादन कम होता है। गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में सब्जी अधिक उगाई जाती है। हापुड़ जिले से अधिकांश सब्जी गाजियाबाद और नोएडा की मंडियों में पहुंचती है। महंगी सब्जी के कारण आम आदमी की थाली का बजट भी बिगड़ रहा है। सब्जी विक्रेता जावेद बताते हैं कि श्राद्ध पक्ष शुरु होने पर सब्जी के दाम और भी अधिक बढ़ेंगे।
मेरठ में इस समय लौकी के दाम 45 से 50 रुपये किग्रा चल रहे हैं। तोरई के दाम भी 40 रुपये किग्रा है। जबकि करेला के दाम 60 रुपये प्रति किग्रा हैं। गोभी का यह मौसम नही है, लेकिन इस समय गौभी 100 से 120 रुपये किग्रा तक चल रही है। हरा धनिया की इस समय मंडियों में कमी है। अधिक तापमान के कारण इस बार मिर्च और धनिया की फसल पर संकट रहा है। जिसके कारण इन दोनों सब्जियों की कमताई है।
अगले सप्ताह श्राद्ध शुरु होने के बाद सब्जी महंगी होगी। जिसके बाद नवरात्रों में फल और सब्जियों के दाम और भी महंगे होने बताए जा रहे हैं। लास्ट अक्टूबर में गाजर, गोभी और शलजम, मूली आने के बाद हरी सब्जियों की भरमार रहेगी। सब्जियों के महंगे दामों का मुख्य कारण स्थानीय और बाहरी क्षेत्र में मंडियों में हरी सब्जियों की कमी बताई है।
टमाटर 50 रुपए किलो, गोभी 100 से 120 रुपए किलो, बैंगन 40 से 50 रुपए किलो, हरी मिर्च 100 रुपए किलो, भिंडी 45 रुपए किलो, लौकी 45 रुपए किलो, प्याज 35 रुपए किलो, अदरक 150 रुपए किलो, धनिया 100 रुपए, आलू 28 रुपये किग्रा, नींबू 120 रुपये किग्रा है।