आज श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और बुधवार का दिन है। एकादशी तिथि आज देर रात 1 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। बुधवार को पुत्रदा एकादशी है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार मनायी जाती है- एक पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को और एक आज यानि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को। बता दें कि दोनों ही एकादशियों का समान रूप से महत्व है। पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुत्रदा एकादशी के दिन जो व्यक्ति भगवान श्री विष्णु के निमित्त व्रत कर, उनकी उपासना करता है, तो उसकी सुंदर और स्वस्थ संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।
यहां एक बात बता दें कि जब हम पुत्रदा एकादशी कहेंगे तो उसका मतलब केवल पुत्र से नहीं है, बल्कि संतान से है। संतान पुत्र भी हो सकता है और पुत्री भी। लिहाजा जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, या जिनकी पहले से संतान है और वे अपने बच्चे का सुनहरा भविष्य चाहते हैं, जीवन में उनकी खूब तरक्की चाहते हैं, उन लोगों के लिये पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है। इसलिए आज आपको पुत्रदा एकादशी अवश्य ही करना चाहिए।
घर के आंगन में किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत मनिमय कनक नंद कै आंगन, बिंब पकरिवै धावत। क्योंकि यशोदा जी हरि को पालने में झूला रही हैं और सूरदास कहते हैं- जो सुख सूर अमर-मुनि दुर्लभ, सो नंद भामिनी पावै जसोदा हरि पालनै झूलावैं…… अपनी ही देह से उत्पन्न एक आत्मा, एक शरीर, उसको खिलाने से बड़ा कोई सुख नहीं है। पुराण परम्परा के अनुसार जो व्यक्ति ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष, सब कुछ पाना चाहता है, उसे भी पुत्रदा एकादशी का व्रत करना चाहिए
अगर आप अपनी संतान के आर्थिक पक्ष को मजबूत करना चाहते हैं, तो 5 सफेद कौड़ियाँ लेकर, उनकी उचित प्रकार से पूजा करें। पूजा के बाद उन्हें एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी संतान को संभालकर रखने के लिये दे दें। ऐसा करने से आपकी संतान का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
अगर आप अपने सभी कामों में संतान का भरपूर सहयोग पाना चाहते हैं, तो स्नान आदि के बाद श्री विष्णु भगवान को प्रणाम करें और आसन बिछाकर बैठ जाएं। फिर भगवान विष्णु के इस मंत्र का 108 बार जप करें। मंत्र है-‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’। ऐसा करने से आपको अपने सभी कामों में संतान का भरपूर सहयोग मिलेगा।
अगर आपकी संतान विद्या के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल करना चाहते है, तो उसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिये स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करें और पूजा के समय विद्या यंत्र की स्थापना करें। पूजा के बाद उस यंत्र को उठाकर अपने बच्चे के पढ़ाई वाले कमरे में स्थापित कर दें या फिर ताबीज में डलवाकर बच्चे के गले में पहना दें। ऐसा करने से आपकी संतान को विद्या के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल होगी। – या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अगर आप अपनी संतान को जीवन में आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं और उसके जीवन में आ रही हर रुकावटों को दूर करना चाहते हैं, तो भगवान विष्णु को माखन, मिश्री का भोग लगाएं। साथ ही उनके सामने चंदन की खूशबू वाली धूपबत्ती जलाएं और उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपकी संतान के जीवन में आ रही रुकावटें दूर होगी और वो बहुत आगे बढ़ेगा।
अगर आप अपनी संतान के दाम्पत्य जीवन को खुशियों से भर देना चाहते हैं, तो पांच गोमती चक्र लेकर मंदिर में स्थापित करें और उनकी धूप-दीप, पुष्प आदि से पूजा करें। साथ ही भगवान से अपनी संतान के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद उन गोमती चक्र को उठाकर एक लाल रंग की पोटली में बांधकर अपनी संतान को रखने के लिए दे दें। ऐसा करने से आपकी संतान का दाम्पत्य जीवन खुशियों से भरा रहेगा।
अगर आप अपनी संतान के सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो श्री विष्णु भगवान को चन्दन का तिलक लगाएं। साथ ही एक सिद्ध किया हुआ सौभाग्य बीसा यंत्र लेकर अपनी संतान को दे दें या फिर घर के मन्दिर में रख दें। ऐसा करने से आपकी संतान के सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी ही बढ़ोतरी होगी।।
अगर आपके बच्चे की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है, तो अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आज श्री हरि का नाम लेकर एक साबुत हल्दी की गांठ लेकर, पानी की सहायता से पीस लें। अब उस पिसी हुई हल्दी से बच्चे के माथे पर टीका लगाएं और तब तक रोज लगाते रहें, जब तक आपके बच्चे की सेहत ठीक न हो जाये। ऐसा करने से आपके बच्चे का स्वास्थ्य जल्द ही बेहतर हो जायेगा।
अगर आप बेटा या बेटी, यानि कोई संतान गोद लेना चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी की रात एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की फोटो रखिये और फोटो के आगे देसी घी का दीपक जलाइये। अब आपको ये मन्त्र पढ़ना है। मंत्र है – ‘ॐ गोविन्दाय गोपालाय यशोदा सुताय स्वाहा’। इस मंत्र का आपको पांच माला, यानि 540 बार जप करना है और जप पूरा होने के बाद भी दीपक को बुझाइये नहीं, उसे जलता छोड़ दीजिये, वह अपने आप बुझ जायेगा। ये उपाय करने से संतान गोद लेने की आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी।