मुजफ्फरनगर। जिले में सोमवार को हुई बारिश के साथ ठंड ने दस्तक दी है। बारिश के चलते पारा कईं डिग्री लुढक गया है। हालांकि यह बारिश कुछ लोगां के लिए आफत भी लेकर आई है।

बदले मौसम से अधिकतम तापमान 3.7 डिग्री लुढ़क गया है। बारिश और ओलावृष्टि ने मुसीबत बढ़ाई। शहर से लेकर देहात तक जलभराव रहा। जलनिकासी की व्यवस्था की पोल खुल गई। जिले में 23.8 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई है।

सोमवार सुबह सात बजे एकाएक मौसम बदलना शुरू हुआ। काले बादल छा गए। लगभग नौ बजे बारिश शुरू हो गई। शहर में तेज बारिश के चलते शहर की सड़कों पर जलभराव हो गया। शिव चौक समेत अन्य मुख्य चौराहों पर पानी भर गया। बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित रहा।

अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। बारिश से ईंधन गीला हो जाने के कारण कोल्हू का संचालन ठप हो गया। उधर, सरसों की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को झटका लगा। बुवाई का कार्य भी अब देरी से होगा।

तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से मौसम का मिजाज बदल गया। आंधी में ईख की फसल गिर गई। गांव छिमाऊ, बुड्ढ़ाखेड़ा और कसौली में हुई ओले गिरने से किसानों के चेहरे मुरझा गए। धान की फसल को भारी नुकसान हुआ। सब्जी के लगाई गई बांस की तारबंदी गिरने से उत्पादक मायूस हैं।

किसान मुकेश गर्ग, रामकुमार, बिरजू, रामभूल सिंह, नकली सिंह, सोनू शर्मा और रोहताश कश्यप कहते हैं ओलावृष्टि ने किसानों पर दोहरी मार दी है। इससे पहले हिंडन नदी में आए उफान से फसलें नष्ट हो चुकी है।

जानसठ कस्बे और आसपास के क्षेत्र में बारिश के दौरान हल्की ओलावृष्टि भी हुई। किसानों की गन्ने की छिलाई भी बंद हो गई। यह बारिश सब्जी और फूलों की फसल के लिए नुकसानदायक साबित होगी। वहीं बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। सोमवार को बारिश के अलावा हवा की भी तेज रफ्तार रही। जिसके बाद सड़कों पर लोग ऊनी कपड़ों में भी दिखाई दिए। मंगलवार को भी बारिश का अंदेशा जताया गया है।