मेरठ। गुरुवार का दिन वेस्ट यूपी के लिए कुछ राहत लेकर आया। मेरठ और आसपास के जिलों में सुबह से ही आसमान पर बादल छाए हुए थे, जिसके बाद बारिश का दौर शुरू हो गया। मेरठ, शामली और बिजनौर में वर्षा हुई। बारिश के चलते जहां एक ओर उमस से राहत मिली वहीं यह बारिश फसलों के लिए लाभकारी साबित होगी। बीते कई दिनों से भीषण गर्मी का दौर चल रहा था।
शामली में गुरुवार की सुबह से ही शामली में बारिश शुरू हो गई है। इससे मौसम में ठंडक घुल गई। पिछले कई दिनों से दिन में तेज धूप निकलने के कारण मौसम में उमस बन रही थी, जिससे लोग काफी परेशान रहे। बुधवार को सुबह के समय बूंदाबांदी हुई थी जिसके बाद दिनभर बादल छाए रहे। वहीं गुरुवार सुबह से बादलों से पानी का बरसना आरंभ हो गया। इस बरसात को सब्जी एवं अन्य फसलों के लिए लाभकारी माना जा रहा है क्योंकि खेतों में खड़ी फसल को इस समय सिंचाई की आवश्यकता है।
बिजनौर जिले में सोमवार रात तेज गरज के साथ हुई सितंबर महीने की पहली बारिश से खेतों में पानी भर गया। बारिश से फसलों की अच्छी सिंचाई हो गई लेकिन तेज हवा से गन्ने और धान की फसल भी कहीं कहीं गिर गई है। बारिश न होने से गन्ने की फसल की व्रद्धि कम हुई थी और धान की फसल में भी रोग था। कृषि वैज्ञानिक डॉ केके सिंह के अनुसार अभी मौसम में काफी गर्मी है। बारिश से गन्ने और धान दोनों की फसल को फायदा होगा।
आपको बता दें कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इनदिनों भीषण उमस का दौर जारी है। इस बीच मेरठ में बुधवार को अधिकतम तापमान 32.1 और न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता अधिकतम प्रतिशत 80 न्यूनतम प्रतिशत 61 दर्ज किया गया। वेस्ट यूपी में इनदिनों पारे में परिवर्तन का दौर जारी है। वहीं अभ बारिश के भी आसान नहीं हैं।
बिजनौर शहर एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों में तड़के से ही रिमझिम बरसात हो रही है। उमस भरी गर्मी से लोगों को निजात मिली है। इसके साथ ही बारिश से किसान खुश हैं। गुरुवार तड़के करीब तीन बजे रिमझिम बरसात शुरू हुई। रुक-रुक कर हो रही बारिश अभी तक जारी है। हालांकि शहर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई, बल्कि लोगों ने इस बारिश के कारण गर्मी से काफी राहत महसूस की है।
किसान हरप्रीत सिंह ने बताया कि खेत में गन्ने और चारे की फसल खड़ी है। काफी कृषि क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है। इस बार औसत से काफी कम बारिश होने के कारण उन समेत क्षेत्र के किसान परेशान थे। इस समय जो रिमझिम बारिश हो रही है, यह फसलों के लिए अमृत बनकर बरस रही है।