
जयपुर। आयकर विभाग ने शनिवार को राजस्थान के इतिहास की सबसे बड़े आयकर छापेमारी को अंजाम दिया है। विभाग ने जयपुर के सर्राफा कारोबारी, दो रियल स्टेट डेवेलपर के यहां छापा मारा। इसमें विभाग को पौने 2 हजार करोड़ रुपये की दो नंबर की कमाई का पता चला है। एजेंसी को सर्राफा कारोबारी के यहां एक सुरंग मिली है, जिसमें 700 करोड़ रुपये की जायदाद की जानकारी मिली है। माना जा रहा है कि ये राजस्थान के इतिहास में हुई अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी है। विभाग की यह कार्रवाई पांच दिनों तक चली। इसमें 200 कर्मचारियों के साथ 50 टीमें लगातार पांच दिनों तक कागजातों और दस्तावेज को खंगालती रही। विभाग के अनुसार ये छापे शहर के तीन बड़े कारोबारी समूहों सिल्वर आर्टग्रुप, चौरड़िया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर की गई।
आयकर विभाग को गोकुल कृपा बिल्डर्स के मानसरोवर में बने ऑफिस के बेसमेंट से गुलाबी रंग की पोटलियां मिली हैं। इनमें बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज थे। गुलाबी पोटलियों में प्रॉपर्टी की कैश में खरीद की रसीदें भी जब्त की गई हैं। विभाग के हाथ कुछ डायरियां भी लगी हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर कैश के लेनदेन का हिसाब मिला है। बिल्डर समूह द्वारा रेरा में 765 करोड़ के प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड करा रखे हैं। इन एक भी प्रोजेक्ट का ग्रुप ने आयकर नहीं चुकाया। जब्त दस्तावेजों में गोकुल कृपा बिल्डर्स के 2018-19 में 100 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बिना आयकर दिए खरीदने का भी खुलासा हुआ है। सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकानों पर मारे गए छापों के दौरान आयकर विभाग को 122 करोड़ कैश लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। इनमें विदेशी यात्रियों को भारी पैमाने पर नकदी में बेची गई ज्वेलरी के कागजात भी शामिल हैं। 100 करोड़ से ज्यादा नकद में जवैलरी बेचने के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। आयकर विभाग के जब्त दस्तावेजों के मुताबिक काले धन से बड़े पैमाने पर अचल संपत्तियां खरीदी गईं। सिल्वर आर्ट ग्रुप द्वारा बड़े पैमाने पर एससी-एसटी के लोगों के नाम पर खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का पता चला है।
आयकर विभाग ने चौरड़िया ग्रुप के ठिकानों पर भी छापेमारी की। इस दौरान विभाग को जयपुर में 250 करोड़ रुपये की जमीन के दस्तावेज मिले हैं। अजमेर रोड पर जमीनों के निवेश के अलावा इस ग्रुप द्वारा कुल 430 करोड़ रुपये के कारोबार का भी पता चला है। कई कंपनियों में फर्जी तरीके से निवेश करने के दस्तावेज भी मिले हैं। 133 करोड़ रुपये की कंपनी को फर्जी तरीके से खरीदने के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। जयपुर में सिल्वर आर्ट ग्रुप, चौरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा पर दो दिन से चल रही आयकर छापों की कार्रवाई में कुल 1400 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। इस कार्रवाई में चौंकाने वाली बात ये रही कि ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर आयकर विभाग को एक सुरंग नुमा तहखाना मिला है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इस ज्वेलरी व्यवसायी के यहां 525 करोड़ के अघोषित लेनदेन का पता चला है। वहीं करीब सवा सौ करोड़ रुपए का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने की बात सामने आई है।
सिल्वर आर्ट ग्रुप का 525 करोड़ रु. का अघोषित लेनदेन सामने आया आयकर विभाग के अनुसार जौहरी समूह सिल्वर आर्ट ग्रुप कीमती पत्थरों, आभूषणों, प्राचीन वस्तुओं, हस्तशिल्प, कालीन, वस्त्र का व्यवसाय करता है। तलाशी अभियान के दौरान, एक गुप्त सुरंग का पता चला। इसमें पहुंचने पर सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इस गुप्त कक्ष से 15 बोरे मिले हैं। जौहरी ने शुरुआती पूछताछ में किसी भी स्टॉक रजिस्टर के रखरखाव से इनकार किया लेकिन गुप्त सुरंग तक विभाग की टीम पहुंची तो प्रत्येक आइटम पर अल्फा-न्यूमेरिक सीक्रेट कोड में वास्तविक बिक्री मूल्य लिखा था । टीम कोड को क्रैक करने पर काम कर रही है। सुरंग से दो हार्ड-डिस्क और पेन-ड्राइव भी मिलीं। जिनमें कोड के रूप में विभिन्न वस्तुओं का विवरण था। जौहरी समूह ने विभिन्न व्यक्तियों को नकद ऋण दिया था, जिसकी राशि 122.67 करोड़ रुपए है। उस पर बेहिसाब ब्याज भी कमाया है। समूह ने अपने कर्मचारियों और कारीगरों के बैंक खातों के माध्यम से नकद आय भी पेश की थी। समूह में अब तक 525 करोड़ के अघोषित लेनदेन का पता चला है।
इसी तरह एक प्रमुख बिल्डर और कॉलोनाइजर पर आयकर पड़ताल में बेहिसाब रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल, नकद ऋण और एडवांस, के अलावा लेनदेन का रिकार्ड जब्त किया गया। इस समूह का कुल लेनदेन 650 करोड़ रुपए आंका गया है। तीसरा समूह जयपुर का एक प्रसिद्ध बिल्डर और डेवलपर है जो फार्म हाउस, टाउनशिप और आवासीय एन्क्लेव डेवपलमेंट में लगा है। सर्च ऑपरेशन से पता चला है कि इस समूह ने एयरपोर्ट प्लाजा में एक रियल-एस्टेट परियोजना को संभाला था। खाते की पुस्तकों में 1 लाख का लेनदेन दर्शाया था जबकि परियोजना से संबंधित बैलेंस शीट में 133 करोड़ रु के लेनदेन का पता चला। इस प्रकार अब तक 25 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है।
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— ASB NEWS INDIA (@asbnewsindia) January 23, 2021
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