मुजफ्फरनगर. भाकियू अराजनैतिक के संरक्षक व गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि भाकियू में हुई बगावत के बीच अब सर्वखाप पंचायत करने का कोई औचित्य नहीं है। पिछले दिनों सौरम में थांबेदारों व ग्रामीणों की बैठक में 29 मई को गांव काकड़ा में सर्वखाप पंचायत बुलाने का एलान किया गया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए सर्वखाप पंचायत का इस्तेमाल किया जा रहा है।
गठवाला खाप चौधरी ने कहा कि सर्वखाप पंचायत किसी खाप के चौधरी की प्रार्थना पर तय विषय को लेकर बुलाई जाती है। खापों के किसी सामाजिक विषय को लेकर मतभेद होने पर ही पंचायत होती है। भाकियू में हुई बगावत और दोफाड़ होने पर सर्वखाप पंचायत बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। सर्वखाप पंचायत की सूचना देने की जिम्मेदारी सर्वखाप मंत्री की होती है और बंदोबस्त की जिम्मेदारी पंचायत बुलाने वाली खाप की होती है। लेकिन इस सर्वखाप पंचायत के लिए बालियान खाप के चौधरी ने कोई प्रार्थना सर्वखाप मंत्री से नहीं की और न ही इसका विषय तय है। इस सर्वखाप पंचायत का मतलब एक खाप चौधरी का अपना शक्ति प्रदर्शन है, जो सर्वखाप पंचायत के माध्यम से नहीं होना चाहिए।
खाप पंचायतें राजनीति में दखल नहीं देती हैं, लेकिन कुछ समय से कई खाप चौधरी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति में हिस्सा ले रहे हैं। खाप पंचायतों का मुख्य उद्देश्य गांवों में शिक्षा को बढ़ावा देना, सामाजिक सौहार्द बनाए रखना, सामाजिक बुराइयों पर रोक लगाना, नशाखोरी व समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों के खिलाफ कार्य करना है न कि राजनीति करना। कुछ खापों के चौधरियों ने राजनीतिक व अपने स्वार्थ के लिए सर्वखाप पंचायत का इस्तेमाल किया है, जो गलत है। अगर खाप पंचायतें राजनीति में दखल देने लगेंगी व अपने स्वार्थ के लिए सर्वखाप पंचायत का इस्तेमाल करने लगेंगे तो इनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसलिए इस सर्वखाप पंचायत का नाम बदल कर जिस संगठन ने अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए ये पंचायत बुलाई है, उसे अपने संगठन के नाम से पंचायत बुलानी चाहिए। वरना इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। समाज में निजी मसलों पर समाज का इस्तेमाल करना कभी उचित नहीं है।