केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून को वापिस लिए जाने के बावजूद किसान आंदोलन पर डटे हुए हैं, भारतीय किसान यूनियन के नेता ओर दिल्ली की सीमाओं पर करीब एक साल अपनी मांगों की मांग लेकर बैठे किसानों की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार झूठ बोलना बंद कर देगी तो सारी समस्या का हल निकल आएगा। आंदोलन के दौरान मृत किसानों के आंकड़े पर सरकार के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार तो यह भी कह रही है कि कोरोना के समय कोई मरा ही नहीं लेकिन उसका भी आंकड़ा है। उन्होंने मृत किसानों का आंकड़ा क्यों नहीं है, हमारी इंटेलिजेंस है, हम आंदोलन के दौरान उन लोगों के नाम दे देते हैं, जिनकी मौत हुई है, आगे की जानकारी वो खुद निकाल लेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि हम जो बता रहे हैं उससे संतुष्ठ हो जाओ क्योंकि देश का किसान झूठ नहीं बोलेगा। उन्होंने कहा कि जो रिपोर्ट सामने आई है, उसकी जांच कर लें, करीब 600 से ज्यादा किसान आंदोलन के दौरान या फिर आंदोलन से संबंधित कार्यक्रमों में मौत का शिकार हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 22 जनवरी के बाद आज तक बातचीत नहीं की, अब अगर सरकार बात ही नहीं करती है तो हम अकेले चर्चा करके अपना समय बर्बाद नहीं कर सकते हैं।

एक अन्य बातचीत में राकेश टिकैत ने किसान संगठनों से अपील करते हुए कहा कि आंदोलन का फाइनल मैच चल रहा है इस पर निगाह बनाए रखें। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि आने वाले समय में सरकार बातचीत के लिए तैयार होगी। कुछ आसार नजर आ रहे हैं।

राकेश टिकैत का दावा, प्रधानमंत्री का संदेश ले आए थे लोग, किसान नेता ने रखी थी यह शर्त
मनजिंदर सिंह सिरसा के बीजेपी में ज्वाइन करने पर उन्होंने कहा कि इसका कारण तो नहीं पता लेकिन अब उनसे बात करेंगे तो वह वापिस आ जाएंगे, उनको सम्मान नहीं दिया गया, जिस हिसाब से उन्होंने काम किया। वह जहां भी रहेंगे काम करते रहेंगे। आंदोलन खत्म करने के सवाल पर उन्होंने फिर दोहराया कि यह तिथि हम नहीं सरकार बताएगी। अगर सरकार चाहेगी तो आंदोलन खत्म हो जाएगा।