नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि जब केंद्र सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों को मान रही है। इसका मतलब यह है कि बिल ठीक नहीं है, तो बिलों को वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है। हम एमएसपी पर एक कानून मांग रहे हैं। मगर सरकार अध्यादेश के जरिए तीन बिल ले आए है। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा। गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि बीच के रास्ते से कोई बात नहीं होगी। जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक ऐसे ही धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार यदि किसानों को विश्वास में लेकर कानून बनाती तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती। 14 दिसंबर को उत्तर-प्रदेश के हर जिले में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों का नाम लेकर सरकार व्यापारी घरानों को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है। बार-बार बातचीत फेल होना सरकार की मंशा को जाहिर करता है। टिकैत ने कहा किसान ठंड में सड़कों पर पड़ा है। यदि सरकार को किसानों की चिंता होती तो शायद अब तक कृषि कानून वापस ले लिए गए होते।
मेरठ से आए किसान चौधरी श्याम ने बताया कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार जितनी देर कर रही है, उसे उतना ही नुकसान हो रहा है। सरकार आम लोगों से अपना विश्वास खोती जा रही है। यह किसी धर्म या जाति का मामला नहीं है, बल्कि किसानों को जिंदा रखने का मामला है। सरकार के कानूनों से किसान खत्म हो जाएंगे।
मुजफ्फरनगर से आए किसान चुन्नीलाल ने बताया कि कई ट्रैक्टर दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। धीरे-धीरे किसानों की बार्डर पर संख्या बढ़ रही है। सरकार नहीं मानी तो दिल्ली में जबरन कूच किया जाएगा।