मुजफ्फरनगर। अग्निपथ योजना की जिले में पहली सेना भर्ती बुधवार को संपन्न हो गई। 22 दिनों में एक लाख से अधिक युवाओं ने इसमें हिस्सा लिया। अंतिम दिन मेरठ की तहसील सरधना और गाजियाबाद जनपद की सदर और मोदीनगर तहसील के युवाओं ने दमखम दिखाया। तीनों तहसील के आठ हजार से अधिक युवाओं ने चौधरी चरण सिंह स्पोर्ट्स स्टेडियम में दौड़ लगाई। बरसात के चलते कई दिन भर्ती में युवाओं को परेशानी उठानी पड़ी।

सेना और नगर पालिका अधिकारियों की कोशिश के चलते बुधवार को मैदान दुरुस्त कर लिया गया। सुबह छह बजे से दौड़ शुरू हुई। पहले गाजियाबाद के युवाओं को दौड़ाया गया। इसके बाद सरधना के युवक दौड़े। 1600 मीटर की दौड़ में युवाओं ने दमखम दिखाया। हालांकि मैदान नम होने के चलते युवक नंगे पैर दौड़े। दोपहर दो बजे तक दौड़ पूरी कर ली गई। इसके बाद दौड़ में सफल होने वाले युवाओं का शारीरिक दक्षता परीक्षण नुमाइश मैदान में हुआ।

गाजियाबाद और मेरठ जिले से बड़ी संख्या में युवाओं के पास से फर्जी दस्तावेज मिले हैं। जांच के दौरान सेना के अधिकारियों ने कई आधार कार्ड भी फर्जी पकड़े हैं, जिनमें उम्र कम करा रखी थी। ऐसे युवकों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। 500 से अधिक युवकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं।

भर्ती 20 सितंबर को शुरू हुई थी। 10 अक्टूबर तक 13 जिलों की भर्ती संपन्न होनी थी लेकिन बारिश के चलते तय तिथि तक भर्ती संपन्न नहीं हो पाई। मेरठ, गाजियाबाद और शामली के युवाओं को दो बार भर्ती स्थल पर आना पड़ा। 22 दिनों में 13 जिलों के एक लाख से अधिक युवाओं ने दौड़ लगाई, जबकि 10 हजार से अधिक युवा अंडर हाइट व फर्जी दस्तावेज के आधार पर बाहर हुए। भर्ती के लिए करीब दो लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया था।