आई फ्लू का कहर अभी थमा नहीं है। पिछले कुछ हफ्तों से देशभर में आई फ्लू का प्रकोप है। हालांकि बीच में इसके मामलों में थोड़ी कमी आ गई थी लेकिन कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के बाद एक बार फिर इस लाल वायरस ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई भी कहा जाता है।
आई फ्लू के लक्षण क्या हैं? आई फ्लू आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदरूनी हिस्से को ढकने वाली पतली, पारदर्शी झिल्ली को प्रभावित करता है। इससे पीड़ित को लालिमा, खुजली, जलन और कभी-कभी आंखों से पानी निकलना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। आई फ्लू के लिए ड्रॉप भी कई हैं लेकिन आप इसे आयुर्वेदिक तरीकों से भी ठीक कर सकते हैं। नॉएडा के ई-260 सेक्टर 27 स्थित ‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के डायरेक्टर कपिल त्यागी आपको आई फ्लू का आयुर्वेदिक इलाज बता रहे हैं।
त्रिफला, तीन फलों आंवला, हरीतकी और बिभीतकी के मिश्रण से बनता है। यह एक प्राकर का पाउडर होता है। आई फ्लू के लक्षणों में आराम पाने के लिए इसे आंखों को धोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए त्रिफला पाउडर को रात भर भिगोकर इसका घोल तैयार करें। इस घोल से दिन में दो बार आंख को धोया जा सकता है, जिससे सूजन कम करने और आंखों को आराम देने में मदद मिलती है।
हल्दी में पावरफुल एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। आई फ्लू और उसके लक्षणों से राहत पाने के लिए हल्दी को उबलते पानी में मिलाएं, इसे ठंडा होने दें और फिर इसे आंख धोने के रूप में उपयोग करें। यह आयुर्वेदिक नुस्खा आंख में सूजन को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है।
धनिया के पत्ते न केवल खाने को स्वादिष्ट बनाते हैं बल्कि इनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। आई फ्लू के लक्षणों का नाश करने के लिए आप धनिये के पत्तों को अच्छी तरह धोकर पानी में उबाल लें। पानी ठंडा होने के बाद इससे आंखों को धोएं। इससे आंखों की जलन और लाली से राहत मिल सकती है।
तुलसी को औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेद जड़ी बूटी माना जाता है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण इसे आंखों के दर्द और जलन से राहत दे सकते हैं। तुलसी की कुछ पत्तियों को रात भर पानी में भिगो दें और अगले दिन इस पानी से आंखों को धोने के इसेमाल करें।
एक मुट्ठी इमली की पत्तियां और सूखी हल्दी को पानी में उबालकर एक हर्बल घोल तैयार करें। उबलने के बाद तरल को छलनी से छान लें और ठंडा होने दें। संक्रमित आंख को धोने के लिए इस हर्बल पानी का इस्तेमाल करें।