नई दिल्ली। पूरे देश में अभी भी कोरोना का प्रभाव बरकरार है ओर बडी संख्या में लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में कोरोना के कारण हुई मौतों को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से ऐसा आंकडा पेश किया गया है, जो अब तक कोरोना को मामूली वायरस समझकर इसे हल्के में ले रहे लोगों के होश उडा सकता हैं।
कोरोना वायरस देश में बुजुर्गों या अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को सबसे ज्यादा शिकार बना रहा है। उत्तर प्रदेश में कम उम्र के लोगों के लिए भी वायरस जानलेवा साबित हो रहा है। प्रदेश में अब तक 56 फीसदी ऐसे लोगों ने अपनी जान गंवाई जिन्हे कोरोना से पहले कोई बीमारी नहीं थी। प्रदेश में जितनी मौतें हुई हैं उनमें करीब 44 फीसदी 30 से 59 वर्ष के लोग थे। यह खुलासा शुक्रवार को हुई केंद्र और राज्य सरकार की बैठक में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से पेश आंकड़ों में हुआ। सबसे अधिक 37 फीसदी मौत लखनऊ, मेरठ, बनारस, कानपुर नगर, गोरखपुर में हुई हैं। मेरठ जिले में मृत्युदर 2.4 फीसदी है जिसमें कई सप्ताह से बदलाव नहीं हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यूपी में कोरोना का पहला पीक गुजर चुका है। अब स्थिति नियंत्रण में है लेकिन मौत रोकने के लिए जिला और अस्पताल स्तर पर पुनः समीक्षा की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार अमरोहा, फतेहपुर, मथुरा, आजमगढ़ बहराइच, संभल, रायबरेली, सिद्धार्थनगर, अमेठी और कासगंज में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं।