मुजफ्फरनगर। सपा और रालोद के बीच भले ही गठबंधन लगभग तय हो गया है, लेकिन सीटों के बंटवारे पर सब ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के सपा में शामिल होने और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उनके घर पहुंचने के बाद हवा का रुख तेजी से बदल रहा है। रालोद ने एकाएक 20 नवंबर को बघरा में रैली का एलान कर चरथावल सीट पर दावा मजबूत दिखाने की कोशिश शुरू कर दी है। रालोद से टिकट के दावेदारों और संगठन की मांग पर रैली होगी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुढ़ाना के कश्यप महासम्मेलन में खुद गठबंधन का संकेत देकर गए हैं। सियासी गलियारों में सपा और रालोद के बीच गठबंधन तय माना जा रहा है। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर शुरूआती दौर की जो बातें हुई है, उनमें बुढ़ाना और चरथावल सीट रालोद के हिस्से में जाने की चर्चा है। शीर्ष नेतृत्व ने भले ही जो तय किया हो, लेकिन स्थानीय नेताओं के बीच तीन मामलों को लेकर बेचैनी नजर आ रही है।

रालोद के दावे वाली बुढ़ाना सीट पर सपा का कश्यप सम्मेलन, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक की सपा में वापसी और अखिलेश यादव का हरेंद्र मलिक के घर पर पहुंचना। रालोद में चरथावल से टिकट की चाह रखने वालों की लंबी सूची है, लेकिन सपा में हरेंद्र मलिक के शामिल होते हुए समीकरण बदलने शुरू हो गए हैं। पूर्व विधायक पंकज मलिक चरथावल से सपा के टिकट के दावेदारों में से एक हैं।

सपा के कश्यप सम्मेलन के बाद रालोद संगठन और टिकट के दावेदार सक्रिय हुए और नेतृत्व से बात कर बघरा में रैली का एलान करा दिया। यही नहीं इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई। दोनों दलों के सीटों के बंटवारे में चरथावल इस बार जंग का अखाड़ा बनती नजर आ रही है।

बुढ़ाना से ज्यादा भीड़ जुटाने की तैयारी
कश्यप महासम्मेलन में लोगों की संख्या पर सवाल उठे। सियासत के लोगों ने गुणाभाग किया। रालोद ने बुढ़ाना से ज्यादा भीड़ बघरा में जुटाने की तैयारी कर ली है। हालांकि सम्मेलन को किसी एक बिरादरी का नाम नहीं दिया गया है।

लंबी हो रही रालोद की फेहरिस्त
रालोद के कोटे से चरथावल सीट पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख रंजनवीर सिंह, पूर्व विधायक नूर सलीम राना, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन के भाई कंवर हसन, पूर्व एमएलसी मुश्ताक चौधरी के बेटे नदीम चौधरी समेत कई दावेदार हैं।

मुस्लिम उम्मीदवार को उतारने की रणनीति
सीट अगर रालोद के हिस्से में आती है तो यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने की चर्चा है। टिकट बंटवारे का जातीय समीकरण साधने के लिए चरथावल से मुस्लिम को टिकट दिया जा सकता है। लेकिन देखने वाली बात यह भी होगी कि चुनाव नजदीक आते-आते क्या समीकरण बनते हैं और यह सीट कौन से दल के हिस्से में आती है।