नई दिल्ली. अगर आपको डायबिटीज है या आप मोटापे से ग्रसित हैं तो कई अन्य गंभीर शारीरिक समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। गलत लाइफस्टाइल और पौष्टिक आहार की कमी के कारण देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डायबिटीज मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है। लेकिन एक अध्ययन के मुताबिक पता चला है कि टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे के मरीजों में ब्लड फैट बढ़ सकता है, जिसके कारण उन्हें गंभीर शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इस बारे में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया है। अध्ययन के परिणामों के मुताबिक, शरीर में मौजूद रक्त में फैट का स्तर बढ़ने के कारण मसल्स की कोशिकाओं की संरचना बदल सकती है। जिससे शरीर के सेल फंक्शन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अध्ययन में सलाह दी गई कि डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित मरीजों को अपने ब्लड फैट के स्तर की निगरानी करनी चाहिए और इसे नियंत्रण में रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि ब्लड फैट के कारण शरीर को गंभीर नुकसान न हो। चलिए जानते हैं ब्लड फैट के बारे में और डायबिटीज व मोटापे से पीड़ित मरीजों पर हुए इस अध्ययन के बारे में।
ब्लड फैट बढ़ने से नुकसान
विशेषज्ञों के मुताबिक, डायबिटीज दो तरह की होती है, पहली टाइप 1 डायबिटीज और दूसरी टाइप 2 डायबिटीज। जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीज होते हैं, उनमें ब्लड फैट का स्तर बढ़ने पर उनके शरीर को गंभीर नुकसान होने लगता है। ब्लड फैट को ट्राइग्लिसराइड्स कहा जाता है। ब्लड में मौजूद फैट बढ़ने से शरीर में मौजूद सिग्नल सेल्स नष्ट हो जाते हैं और मरीज की स्थिति खराब होने लगती है। इसके साथ ही मसल्स सेल्स पर दबाव बढ़ने लगता है, जिससे कोशिकाओं की स्थिति में भी बदलाव होने लगता है। ऐसे में मरीजों के कामकाज और रोजमर्रा के जीवन पर भी असर पड़ता है।
मोटे लोगों में भी ब्लड फैट की समस्या
डायबिटीज मरीजों के अलावा मोटापे की बीमारी से पीड़ित मरीजों में भी ब्लड फैट बढ़ने से कई समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड फैट बढ़ने से टिश्यूज को नुकसान हो सकता है और शरीर के अंदरूनी अंग प्रभावित होते हैं। मोटे लोगों में ब्लड फैट बढ़ने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
ब्लड फैट कम करने के उपाय
डायबिटीज और मोटापे के मरीजों में ब्लड फैट बढ़ना खतरनाक माना जाता है। ऐसे में ब्लड फैट को नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए नियमित हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और सेहत के लिए अच्छी जीवनशैली को अपनाना चाहिए। शरीर में सामान्य ट्राइग्लिसराइड्स स्तर 150 एमजी/डीएल कम होना चाहिए। ब्लड फैट बढ़ने की वजह डायबिटीज और गलत खानपान होता है। ऐसे मरीजों को समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। ब्लड फैट को बढ़ने से रोकने या कम करने के लिए चीनी का सेवन कम करना चाहिए। साथ ही शराब और धूम्रपान करने से बचना चाहिए।
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