नई दिल्ली. सफेद गेंद के कप्तान रोहित शर्मा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए जाने जाते हैं. वह बीच-बीच में मैदान पर गेंदबाजों से बातचीत भी करते हुए नजर आते हैं और ग्राउंड पर कूल होकर फैसले लेते हैं. टीम इंडिया में एक गेंदबाज ऐसा है, जिसका करियर सभी लोग खत्म मान रहे थे, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ रोहित शर्मा ने इस प्लेयर को मौका देकर उसके करियर को खत्म होने से बचा लिया है. अब ये प्लेयर टीम इंडिया का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है. आइए जानते हैं, इस खिलाड़ी के बारे में.
इस खिलाड़ी का करियर खत्म होने से बचाया
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी जैसे गेंदबाजों को ना खिलाकर भुवनेश्वर कुमार को मौका दिया था. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में भुवनेश्वर कुमार ने शानदार प्रदर्शन का नजारा पेश किया. उनके पास ही गेंदबाजी आक्रामण की डोर थी. वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में भुवनेश्वर कुमार ने घातक गेंदबाजी की, जिसे विंडीज के किसी भी बल्लेबाज के लिए खेलना आसान नहीं था. वह बहुत ही शानदार लय में नजर आ रहे थे,जबकि इससे पहले उन्हें टीम इंडिया से बाहर करने की मांग उठ रही थी.
घातक फॉर्म में लौटा ये खिलाड़ी
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में भुवनेश्वर कुमार ने अपने पहले ही ओवर में टीम इंडिया को सफलता दिलाई. उन्होंने ब्रेंडन किंग को पवेलियन भेजा. उनके इस झटके से वेस्टइंडीज टीम कभी उबर ही नहीं पाई. कुमार ने अपने चार ओवर के कोटे में 31 रन देकर 1 विकेट हासिल किया. उनकी लहराती हुई गेंदों ने सभी का दिल जीत लिया. ऐसे में वह टीम डेथ ओवर्स में भी उन्होंने कातिलाना गेंदबाजी की थी. ऐसे में भुवनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है.
भुवनेश्वर कुमार ने खेले तीनों ही फॉर्मेट
किसी समय भुवनेश्वर कुमार भारतीय टीम के नंबर एक गेंदबाज थे. उनकी गेंदों से विपक्षी बल्लेबाज खौफ खाते थे, लेकिन धीरे-धीरे कहानी बदल गई और वह सेलेक्टर्स की निगाह में वह हाशिए पर चले गए. भुवनेश्वर कुमार ने भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट में खेला है. उन्होंने भारत के लिए 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 121 वनडे मैचों में 141 विकेट और 55 टी20 मैचों में 53 विकेट चटकाए हैं. अब भुवनेश्वर कुमार के अच्छा प्रदर्शन करते ही उनकी जगह टीम इंडिया में पक्की हो गई है.