मुजफ्फरनगर. जनपद जाट महासभा में अध्यक्ष पद को लेकर रविवार को विवाद हो गया। चौ. चरण सिंह वर्मा पार्क में सदस्यों के दो गुट बन गए और दोनों ने अलग-अलग अध्यक्ष की घोषणा कर दी, जिससे पर काफी देरी तक हंगामा हुआ। दोनों पक्षों के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए चले गए। जगदीश बालियान को दोबारा तीन साल के लिए अध्यक्ष बनाने का विरोध हुआ। चौ. चरण सिंह भवन वर्मा पार्क में रविवार को अध्यक्ष पद की घोषणा के लिए बैठक बुलाई गई। बैठक का शुभारंभ गायंत्री मंत्र के पाठ से हुआ। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को याद किया। वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

महासचिव सुंदरपाल सिंह ने कार्यवाही पढ़कर सुनाई। साथ ही तीन साल की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोषाध्यक्ष धर्मवीर मलिक ने आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया। वक्ताओं ने कहा कि तीन साल में कोरोना संक्रमण के चलते कार्यकारिणी को एक और मौका दिए जाने की जरूरत है। जगदीश बालियान को फिर से तीन साल के लिए अध्यक्ष की घोषणा की गई। इसके साथ ही पूरी कार्यकारिणी को मौका देने की भी घोषणा हुई, जिस पर कई लोगों ने ऐतराज जताया और कहा कि यह निर्णय जनपद जाट महासभा के कायदे-कानून के अनुरूप नहीं है।

इस पर काफी देरी तक हंगामा होता रहा। दूसरे पक्ष ने ओमकार बालियान को जनपद जाट महासभा का अध्यक्ष घोषित कर दिया। उन्हें हरीश अहलावत, धर्मवीर बालियान आदि ने फूल-माला पहनाई। कार्यक्रम में कुंवर विजयराज, डा. नरेश कुमार मलिक, मांगेराम वर्मा, देवी सिंह सिंभालका, ब्रजवीर सिंह, युद्धवीर सिंह, महकार सिंह, अनिल चौधरी, यशपाल सिंह, धर्मवीर मलिक, मनोज कुमार, भोपाल सिंह, डा. जीत सिंह, डा. रवींद्र सिंह व मनोज कुमार राठी आदि मौजूद रहे। — देवी सिंह बोले, मुझे बनाओ अध्यक्ष जनपद जाट महासभा के पूर्व अध्यक्ष देवी सिंह सिंभालका ने भी अध्यक्ष पद पर फिर से दावेदारी पेश की। दो गुटों में विवाद होने पर देवी सिंह सिंभालका ने खड़े होकर कहा कि विवाद पर विराम के लिए मुझे अध्यक्ष बना दो।

हालांकि इस पर कोई भी पक्ष तैयार नहीं हुआ। — बचन सिंह मार्ग का मुद्दा भी उठा जनपद जाट महासभा की बैठक में शहीद बचन सिंह मार्ग का नाम बदले जाने का प्रकरण भी उठा। महासचिव सुरंदपाल सिंह ने कहा कि बीते दिनों शहीर बचन सिंह मार्ग का नाम बदलकर गुरु नानकदेव के नाम पर रख दिया गया। यह गलत है। गुरु नानकदेव का हम भी सम्मान करते हैं, लेकिन देश के लिए प्राणों को न्यौछावर करने वाले बचन सिंह के नाम पर रखे गए मार्ग का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसका जनपद जाट महासभा विरोध करती है।