मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में हर घर तिरंगा तथा तिरंगा यात्रा के नाम पर राष्ट्रीय ध्वज वितरण के लिए प्रत्येक स्वयं सहायता समूह से धनराशि लेकर 25 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया गया। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने विकास में भवन धरना देकर भाकियू पदाधिकारियों के साथ डीआरडीए कार्यालय में तालाबंदी कर दी।

विकास भवन में महिलाओं ने शुरू किया धरना
जनपद में समूह सखी के नाम से 5100 महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत सभी घरों पर तिरंगा लगाने के निर्देश दिये थे। भाकियू युवा मंडल अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य पति विकास शर्मा का आरोप है कि डीआरडीए के तहत कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह जिला कोआर्डिनेटर ने तिरंगे के नाम के प्रत्येक स्वयं सहायता समूह से 500 रुपए वसूल लिए थे।

उन्होंने बताया कि जो झंडा स्वयं सहायता समूह में कार्यरत महिलाओं को उपलब्ध कराया गया उसकी क्वालिटी अत्यंत निम्न थी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक समूह सदस्य महिला से 50 रुपये की वसूली की गई। लेकिन उसके एवज में तिरंगा मात्र 10 रुपए की कीमत का उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के नाम पर यह एक बड़ा घोटाला है।

जिसको लेकर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं धरना दे रही हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में कई आश्वासन मिलने के बावजूद धनराशि वापस नहीं की गई। जिससे आक्रोशित महिलाओं ने मंगलवार को भाकियू नेताओं के साथ विकास भवन स्थित डीआरडीए कार्यालय में तालाबंदी कर दी।

किसी प्रकार का कोई घोटाला नहीं, जांच में सब ठीक: सीडीओ
सीडीओ संजीव भागिया का कहना है कि इस मामले में जांच करा ली गई है। सभी आरोप बेबुनियाद है। सभी को इस बात की जानकारी भी दे दी गई है।