मुजफ्फरनगर। जनपद के बुढाना ब्लॉक में प्रमुख पद के चुनाव को लेकर जमकर घमासान हुआ। बुढ़ाना के वोटिंग केंद्र पर जाने को लेकर विवाद के बीच भाजपा विधायक पर गडबडी कराने की कोशिश के आरोप लगाते हुए सपा, कांग्रेस, रालोद और, भाकियू कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा करते हुए विधायक के खिलाफ नारेबाजी की। इससे वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान भाजपा तथा विपक्षी दलों के समर्थक आमने सामने आ गए। विपक्षी दलों के हजारों समर्थकों के सडक पर आ जाने के कारण हालात बिगड गए। सूचना पाकर डीएम-एसएसपी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। खुद भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत यहां मोर्चा संभाले हुए नजर आए। उनके साथ तमाम विपक्षी नेता भी दिखे। कईं घंटे तक चले हंगामे के दौरान हुई चुनावी प्रक्रिया में विपक्षी प्रत्याशी को विजयी घोषित किया गया।

जनपद के बुढाना ब्लॉक में संयुक्त विपक्ष के नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में पुलिस प्रशासन द्वारा फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया तो बीजेपी और विपक्ष के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। खुद भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यहां मोर्चा संभाला। बुढाना ब्लाक पर सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी व कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, पूर्व मंत्री चौ योगराज सिंह, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, रालोद जिला अध्यक्ष प्रभात तोमर और कांग्रेस नेता पूर्व विधायक पंकज मलिक भी मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि सत्ता की मनमानी व असंवैधानिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहले से सीधे टकराव के मूड में हजारों रालोद, भाकियू व सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतारे गए थे। इस सीट को मूंछों का सवाल बना चुकी भाकियू व संयुक्त विपक्ष के लिए कडे मुकाबला है। भाजपा विधायक उमेश मलिक और बुढाना के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र त्यागी वहां पहुंचे, लेकिन वहां के हालात भांपकर वहां से चले गए। यहां भाकियू, सपा और रालोद का दबदबा साफ दिखा।

बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाजपा प्रत्याशी बोहती देवी और भाकियू समर्थित विपक्ष प्रत्याशी पाल्लो देवी के बीच कांटे का मुकाबला था। पुलिस ने चारों तरफ से बैरीकेडिंग कर केवल बीडीसी सदस्यों को ही परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी। जैसे ही मतदान शुरू हुआ तो विपक्ष प्रत्याशी पाल्लो देवी के पुत्र पूर्व प्रमुख विनोद मलिक और भाजपा विधायक उमेश मलिक के बीच जमकर नोक झोंक हो गई। जिसके बाद दोनों के समर्थक आमने सामने आ गए। पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समन्वय बनाने का प्रयास किया। दोनों पक्ष सड़क के दोनों ओर आमने सामने एक दूसरे के विरुद्ध लगातार नारेबाजी करते रहे।

हंगामे की सूचना पर पहुंचे भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने आरोप लगाया कि जिले में पांच विधायक हैं, लेकिन यहां के विधायक थाना व कलेक्ट्रेट चला रहे हैं। प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में आकर काम कर रहा है। भाकियू सत्ता पक्ष की तानाशाही बिल्कुल बर्दाश्त नही करेगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन से कहा कि पांच सात महीने बाद जो समय आएगा उसे भी ध्यान में रखे। इस बीच सूचना पर डीएम व एसएसपी भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ब्लॉक परिसर पहुंच गए।पूरे समय दोपहर तक भी दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। बाद में चुनाव परिणाम घोषित किया गया जिसमें विपक्षी प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की।