मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मेरे खिलाफ झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत लोगों को मार-पीटकर बनाए जा रहे हैं। ये सिर्फ महाराष्ट्र और शिवसेना को कमजोर करने के लिए है लेकिन महाराष्ट्र और शिवसेना कमजोर नहीं होगी। संजय राउत झुकेगा नहीं और पार्टी भी नहीं छोड़ेगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को हिरासत में ले लिया है। महाराष्ट्र के 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ कर रही थी। ईडी ने करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद राउत को हिरासत में लिया है। टीम राउत को लेकर ईडी दफ्तर रवाना हो गई है। अब यहां ईडी संजय राउत से पूछताछ करेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत के आवास से 11.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की है।

इस दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मेरे खिलाफ झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत लोगों को मार-पीटकर बनाए जा रहे हैं। ये सिर्फ महाराष्ट्र और शिवसेना को कमजोर करने के लिए है लेकिन महाराष्ट्र और शिवसेना कमजोर नहीं होगी। संजय राउत झुकेगा नहीं और पार्टी भी नहीं छोड़ेगा।

इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत के वकील विक्रांत सबने ने कहा कि उन्होंने (ईडी) प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट सीज किया है जो उन्हें महत्वपूर्ण लगे हैं, लेकिन उन्होंने पात्रा चॉल से संबंधित कोई डॉक्यूमेंट नहीं लिया है। हमने ईडी का ताजा समन स्वीकार कर लिया है। संजय राउत को पूछताछ के लिए लाया गया है।

उन्होंने बताया कि ईडी ने आज सुबह संजय राउत को नया समन दिया है। उसी आधार पर संजय राउत बयान दर्ज कराने ईडी कार्यालय पहुंचे हैं। उन्हें न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। इससे पहले संजय राउत को 27 जुलाई को ईडी ने तलब किया था। हालांकि, वह अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी के अधिकारी उनके घर पहुंचे। राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है। सूत्रों की मानें तो अगर संजय राउत ईडी के सवालों का जवाब नहीं देते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

संजय राउत के भाई सुनील राउत ने कहा कि सुबह करीब सात बजे 20-22 अधिकारी तलाशी वारंट लेकर संजय राउत के आवास पर पहुंचे, लेकिन उन्हें पात्रा चॉल मामले से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला। गिरफ्तार होने के बाद भी वह झुकने वाले नहीं हैं। कोई दस्तावेज जब्त नहीं किया गया, कोई पूछताछ नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उद्धव के करीबी होने की वजह से उनके भाई को परेशान किया जा रहा है।

मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन वर्ष 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

दरअसल, वर्ष 2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच हो रही थी। तभी प्रवीण राउत की उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर राउत की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं।

शिवसेना नेता संजय राउत के आवास के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। उनके आवास के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगने लगा है। पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में उनके आवास पर छापेमारी के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया है। ईडी के अधिकारी शिवसेना नेता संजय राउत को मुंबई में उनके आवासीय परिसरों पर छापेमारी के बाद हिरासत में लेने के बाद अपने साथ ले गए। मौके पर भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद हैं।