मुज़फ्फरनगर : चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 7 चरणों में पूरा चुनाव होगा। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी। दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां 20 मई, छठवां 25 मई और सातवें चरण का मतदान 1 जून को होगा। वहीं, चुनाव परिणाम 4 जून 2024 को आएंगे। भाजपा ने चुनाव के लिए 291 तो वहीं, कांग्रेस ने 138 कैंडीडेट्स के नामों का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 50 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा ने संजीव कुमार बालियान को पार्टी उम्मीदवार बनाया है। वहीं, INDIA गठबंधन की ओर से हरेंद्र सिंह मलिक मैदान में हैं।
पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट को जाट बेल्ट माना जाता है। 2013 के दंगों की वजह से मुजफ्फरनगर देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। पिछले दो चुनावों से भारतीय जनता पार्टी यहां पर अजेय बनी हुई है और अब उसकी नजर जीत की हैट्रिक पर लगी है। 2019 के चुनाव में बीजेपी के संजीव कुमार बालियान ने कद्दावर नेता अजित सिंह को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था। बीजेपी ने एक बार फिर संजीव कुमार बालियान को मैदान में उतारा है। वहीं, INDIA गठबंधन की ओर से हरेंद्र सिंह मलिक को मौका दिया गया है।
संजीव बालियान को मई 2014 में NDA सरकार में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। जुलाई 2016 में, उन्हें उमा भारती के अधीन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री बनाया गया। सितंबर 2017 में उन्हें मंत्रालय से बाहर कर दिया गया था लेकिन उन्होंने फिर से मंत्रालय में वापसी की जब उन्होंने 2019 के चुनावों में अजीत सिंह को बहुत करीबी मुकाबले में हरा दिया। उन्हें 30 मई 2019 को पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
संजीव बालियान पशुचिकित्सक हैं और उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान में पीएचडी की है। उन्होंने हरियाणा सरकार में सहायक प्रोफेसर और पशुचिकित्सक के रूप में कार्य किया।
संजीव कुमार बालियान 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी हैं, हालांकि जब दंगे हुए थे तब प्रशासन द्वारा उठाए गए एहतियाती कदम के तहत वह पहले से ही जेल में थे। नवंबर 2015 में संजीव बालियान के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया था। उन पर IPC की धारा 188, 353 और 341 के तहत आरोप लगाया गया था। दिसंबर 2015 में संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और जमानत प्राप्त कर ली। उन्होंने दंगों में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और दावा किया है कि उन पर झूठा मामला दर्ज किया गया है और उन चीजों को करने का आरोप लगाया गया है जो उन्होंने कभी नहीं कीं।