नई दिल्ली। अगर आपका स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (State Bank of India) में अकाउंट है तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि आजकल इंटरनेट से बैंक चोरी (Phishing) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे हैं. इसी वजह से SBI ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट कर अपने करोड़ो ग्राहकों को अलर्ट किया है. साथ इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के तरीके भी बताएं हैं. धोखाधड़ी करने वाले फ्रॉड करने के नए-नए तरीके अपनाकर ग्राहक को लाखों की चपत लगा रहे हैं.
SBI ने ट्वीट करके दी जानकारी
SBI ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडिल पर ट्वीट करके बताया है कि किसी भी SMS, ऐप या मोबाइल नंबर पर अपने पर्सनल डिटेल, आधार नंबर और ई-केवाइसी डिटेल शेयर ना करें. SBI ने बताया है कि ग्राहकों को बैंक से जुड़ी किसी भी सेवा का जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर या फिर बेवसाइट का इस्तेमाल करना चाहिए.
जानें क्या है फिशिंग और इससे कैसे बच सकते हैं आप:
>> फिशिंग अटैक में ग्राहकों की व्यक्तिगत पहचान का डेटा और वित्तीय खातों की जानकारी चुराने के लिए सामाजिक इंजीनियरी और तकनीकी धोखाधड़ी दोनों ही का उपयोग किया जाता है.
>> इंटरनेट बैंकिंग उपयोगकर्ता (यूज़र) को धोखाधड़ी वाला ई मेल प्राप्त होता है जो वैध इंटरनेट पते से प्राप्त हुआ प्रतीत होता है.
>> ई मेल में उपयोगकर्ता को मेल में उपलब्ध करवाए गए हाइपरलिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है.
>> उपयोगकर्ता हाइपरलिंक पर क्लिक करता है और एक नकली वेबसाइट खुल जाती है, जोकि असली इंटरनेट बैंकिंग साइट के समान प्रतीत होती है.
>> आमतौर पर ई मेल में या तो कुछ प्रक्रिया पूरी करने पर इनाम या प्रक्रिया पूरी न करने पर दंड लगाने की चेतावनी दी जाती है.
>> उपयोगकर्ता को गोपनीय जानकारी जैसे लॉगइन / प्रोफाइल या लेनदेन पासवर्ड और बैंक खाता संख्या आदि देने के लिए कहा जाता है.
>> उपयोगकर्ता सदविश्वास में जानकारी प्रदान करता है और ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करता है.
>> उपयोगकर्ता के समक्ष एरर पेज प्रदर्शित होता है.
>> उपयोगकर्ता फिशिंग हमले की चपेट में आ जाता है.
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें :
>> हमेशा एड्रेस बार में ठीक यूआरएल टाइप करके साइट पर लॉगऑन करें.
>> केवल प्रमाणीकृत लॉगइन पेज पर ही अपना यूज़र आईडी और पासवर्ड एंटर करें.
>> अपना यूज़र आईडी और पासवर्ड देने से पहले कृपया यह सुनिश्चित करें कि लॉगइन पेज का URL ‘https://’text के साथ शुरू होता है और यह ‘http://’ नहीं है. ‘S’ से तात्पर्य है ‘ सुरक्षित ‘ जो इस बात का संकेत देता है कि वेब पेज में एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल किया गया है.
>> हमेशा, ब्राउज़र और वेरीसाइन प्रमाण पत्र के दाहिनी ओर सबसे नीचे स्थित लॉक चिह्न को खोजें.
>> फोन / इंटरनेट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी केवल तभी दें जब आपने कॉल या सत्र शुरू किया है और सामने वाले व्यक्ति की आपके द्वारा विधिवत पुष्टि कर ली गई है.
>> कृपया यह ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपसे ई मेल के माध्यम से आपके खाते की जानकारी की पुष्टि करने के लिए पूछताछ नहीं करेगा.