नई दिल्ली. मौजूदा दौर में ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है जिससे उनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ना आम हो गया है. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में तरक्की हो रही है, वैसे-वैसे हम पहले के मुकाबले ज्यादा आलसी होते जा रहे हैं, फिजिकल एक्टिविटीज और ऑयली फूड की वजह से हमारे शरीर में फैट जमा होने लगता है, यही आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, ट्रिपल वेसेल डिजीज जैसी बीमारियों को जन्म देता है

कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो गुड और बैड यानी अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है. गुड कोलेस्ट्रॉल के जरिए शरीर में हेल्दी सेल्स बनते हैं, वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों और मधुमेह का खतरा बढ़ा देता है.

तय मानको के मुताबिक हेल्दी एडल्ट्स में 200 मिलीग्राम/डीएल तक कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए, अगर यही लेवल 240 मिलीग्राम/डीएल के पार पहुंच जाए तो समझ जाएं कि खतरा बढ़ चुका है और आपको अपनी जीवनशैली और खान पान में बदलाव लाने की जरूरत है.

खून में अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज भी हो सकती है. इससे धमनियों को नुकसान पहुचता है. दरअसल इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर होता है.

चूंकि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होने शरीर में खून का प्रवाह बाधित होता है जिससे बॉडी में चेंजेज आने तय हैं. जब आप एक्सरसाइज या हेवी वर्कआउट करते हैं तो जांघों, कूल्हों और पैरो में तेज दर्द होता है. इसलिए इस तरह के पेन को इग्नोर न करें और तुरंत कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराएं.