मुजफ्फरनगर। जिले के गन्ना किसानों ने गन्ना उत्पादन में जिले को प्रदेश में जिला दूसरे स्थान पर पहुंच गया। बीते तीन वर्षों से जिला औसत उत्पादन में लगातार बढ़ रहा है। चौथे नंबर से इस बार जिला दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

जिले में ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करके किसान सहफसली खेती भी कर रहे हैं और गन्ने का उत्पादन भी बढ़ा रहे हैं। खेती की नई-नई तकनीकों के माध्यम से किसानों ने यहां उत्पादन को बढ़ाया है। गन्ना उत्पादकता में तीन वर्ष पहले हम प्रदेश में चौथे स्थान पर थे। शामली जिला औसत उत्पादन में हमसे ऊपर है, बाकी के सभी जिले मुजफ्फरनगर से पीछे हैं। गन्ने की प्रजाति 0238 के आने के बाद पूरे प्रदेश में ही गन्ने की उपज का औसत उत्पादन बढ़ा है। जिले के किसानों ने अच्छी पैदावार करते हुए इसमें भी प्रदेश में दूसरे पायदान पर पहुंचकर अपनी मेहनत का परिचय दिया है।

मुजफ्फरनगर में चार वर्षो का औसत:
वर्ष औसत
2018-19 866.52 क्विंटल
2019-20 864.08 क्विंटल
2020-21 907.64 क्विंटल
2021-22 923.20 क्विंटल

  • प्रदेश के गन्ना उत्पादन में टॉप के दस जिले
    जिला एक हेक्टेयर में उत्पादन:
    शामली: 1004.28 क्विंटल
    मुजफ्फरनगर: 923.20 क्विंटल
    मेरठ: 911.76 क्विंटल
    बुलंदशहर: 882.48 क्विंटल
    गाजियाबाद: 878.92 क्विंटल
    बिजनौर: 875.98 क्विंटल
    लखीमपुर: 853.72 क्विंटल
    हापुड़: 846.88 क्विंटल
    सहारनपुर: 821.16 क्विंटल
    अलीगढ: 817.44 क्विंटल

तीन वर्षो से उत्पादन लगातार बढ़ रहा
जिला गन्ना अधिकारी डॉ. आरडी द्विवेदी का कहना है कि बीते तीन वर्षों से जिले में औसत उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। हम चौथे स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। गेहूं कटाई के उपरांत बोये जाने वाले गन्ने के क्षेत्रफल में कमी और असौजी के गन्ने के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी मुख्य कारण है। सीओ 0238 और 0118 का औसत उत्पादन बढ़ाने में मुख्य योगदान है।