मेरठ। कुछ ही घंटों बाद जिस घर से फिरदौस की डोली उठनी थी, बेरहम भाई की बदौलत उस घर से बेटी का जनाजा उठा। फिरदौस की मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। परिजन रो-रोकर हत्यारोपी भाई फिरोज को कोस रहे थे कि उसे मारने की क्या जरूरत थी। परिवार के लोगों ने ही फोन कर पुलिस को सूचना दी। पिता की तहरीर पर बेटे फिरोज और दामाद के भाई कासिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

आज (रविवार) को फिरदौस की बरात आनी थी। इस्लामाबाद स्थित घर में तैयारियां चल रही थीं। घर पर पांच रिश्तेदार भी आ चुके थे। किसी ने सोचा तक नहीं था कि भाई फिरोज ही उसकी हत्या कर देगा। क्योंकि वह भी जोर शोर से शादी की तैयारियों में लगा था।

फिरदौस से शादी न हो पाने के गुस्से में बड़ी बहन के देवर कासिम ने ही उसकी हत्या की साजिश रच डाली। उसने शादी से पहले के फोटो-वीडियो भेजकर फिरदौस के खिलाफ फिरोज को भड़का दिया। कहा कि ऐसी बहन रिश्तेदारों की भी बदनामी करा रही है। इसको मारने में ही परिवार की इज्जत बच सकती है।

भैया… मेरी बात सुन लो 
फिरोज ने बहन को गोली मारने से पहले गाली गलौज की। वह चिल्ला रहा था कि बदनामी करा दी। भाई के हाथ में तमंचा देखकर फिरदौस बोली कि भाई ऐसा मत करो… पूरी बात सुन लो। जिस कासिम की बात कर रहो हो, वह ठीक इंसान नहीं है। उसने फोटो एडिट किए हैं। उससे मेरा कोई लेनादेना नहीं है। जिससे शादी हो रही है, वह उसके साथ खुश रहेगी। वह गिड़गिड़ाती रही, लेकिन फिरोज नहीं माना।

घर में खून ही खून 
हत्या के बाद घर में खून ही खून था। यह देखकर लोग सकते में थे। हत्यारोपी भाई खड़ा रहा, लेकिन उसको पकड़ने का कोई साहस नहीं जुटा पाया। फिरोज ने कहा कि वह भाग नहीं रहा और न उसने कोई गलत काम किया। बहन बदनामी करा रही थी, इज्जत के खातिर उसको मार डाला।

टीपीनगर में छह माह पहले शादी से दो दिन पहले सिरफिरे आशिक ने युवती की गोली मारकर हत्या की थी। विरोध करने पर आरोपी ने युवती के पिता को भी मार दिया था। इसी तरह कंकरखेड़ा में भी सालभर पहले शादी से पहले युवती की हत्या हुई थी। लिसाड़ीगेट में हुई वारदात ने इन घटना की याद दिला दी।