मुजफ्फरनगर। अधिवक्ता और न्यायाधीश के परिवार के बीच चले आ रहे मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट ने एसआईटी का गठन किया है। अधिवक्ता ने जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। जज की पत्नी ने भी अधिवक्ता पर धमकी देने का आरोप लगाया था।
अधिवक्ता अमित कुमार जैन ने जिले में तैनात रहे जज और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति से शिकायत करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शिकायतकर्ता अमित जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद को दो सप्ताह का समय देकर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद नोएडा के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर, एक सीओ और एक एसएचओ की एसआईटी का गठन किया गया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 22 अगस्त को होगी। जांच के लिए शुक्रवार को एसआईटी की टीम पहुंची। उधर, जज की पत्नी ने भी अधिवक्ता के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए धमकी व परेशान करने का आरोप लगाया था।
यह था मामला
पुलिस ने वर्ष 2004 में फहीमपुर निवासी कुलदीप राठी को मुठभेड़ में मार गिराया था। इस दौरान चर्चा फैल गई कि नई मंडी निवासी सचिन जैन ने पुलिस का सहयोग किया। कुछ दिन बाद सचिन संदिग्ध हालत में गायब हो गया। सचिन की हत्या करने की बात सामने आई, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ। परिजनों ने सचिन की हत्या का आरोप कुलदीप राठी के परिजनों पर लगा था। अधिवक्ता अमित जैन का कहना था कि सजा करने के नाम पर जज और उनकी पत्नी ने पांच लाख रुपये मांगे थे। कॉल रिकॉर्डिंग के साथ अधिवक्ता ने पति-पत्नी की शिकायत हाई कोर्ट में की थी।