मुजफ्फरनगर। जनपद में बीते दिनों चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन जिले में गंदगी के कारण साफ दिखाई नही दे रहा है दूसरी तरफ शहर की कांशीराम काॅलोनी के लोगों को गंदगी के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। काॅलोनी के शौचालय के गड्ढों का पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों के बाहर और पार्क में बह रहा है। दो साल पहले बारिश में गिरी काॅलोनी की दीवार अभी तक नहीं बन सकी है।

एमडीए ने खांजापुर में बनी कांशीराम काॅलोनी के चारों तरफ जो दीवार बनाई थी, वह निर्माण के चार साल बाद ही बारिश में ढह गई। काॅलोनी में आम जनता के लिए शौचालय के जो गड्ढे बनाए गए थे, अब वह ओवरफ्लो हैं। स्थानीय लोग खराब सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगा रहे हैं। काॅलोनी में आवासों के पीछे और सामने शौचालय का दुर्गंधयुक्त पानी बह रहा है। काॅलोनी में बिजली के खंभों पर लाइट नहीं है। पानी की निकासी नियमित नहीं है।

सुनील कुमार का कहना है कि हम शुरू से ही काॅलोनी में रह रहे हैं। मकान लेते ही शौचालय का पानी यहां पार्क में बहने लगा था। तब से ही गंदगी, बदबू, बीमारी में जी रहे हैं। सरकार ने मकान क्या दिया हमारी तो जिंदगी ही नरक बन गई।

रोहित कुमार का कहना है कि दो साल पहले तेज बारिश में काॅलोनी के चारों तरफ की दीवार ढह गई। पता नहीं कितनी बार अफसरों को शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां जनता पूरी तरह असुरक्षित है।
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राजकुमार का कहना है कि हमारे पार्क में शौचालय का पानी भरने के बाद काॅलोनी के लोगों ने 50 हजार रुपये एकत्र किए थे और शौचालय के ऊपर के हिस्से को ठीक कराया, लेकिन शौचालय सही नहीं बने होने के कारण सफलता नहीं मिली। पूरी कालोनी के शौचालय ऐसे ही बने हैं, अफसरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने जिंदगी नरक बना दी।

काॅलोनी निवासी सतीश कुमार का कहना है कि कांशीराम काॅलोनी में चारों तरफ गंदगी है। सफाईकर्मी आता नहीं है। जगह-जगह घास उगी है। रात में यहां बिजली की खंभों पर लाइट नहीं जलती। कॉलोनी के पालिका में शामिल होने से उम्मीद बंधी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप का कहना है कि जल्द ही पालिका के अधिकारियों को भेजकर शौचालय के पानी की समस्या का निराकरण कराया जाएगा। इंजीनियरों से सलाह ली जाएगी कि लोगों की इस समस्या का निदान कैसे हो। यह क्षेत्र पालिका के अंतर्गत कुछ समय पूर्व आया है। अब पालिका अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।