मुजफ्फरनगर। विधिक माप विज्ञान विभाग ने छह कंपनियों पर उनके व्यापार व्यवहार में पैकेजिंग संबंधित अनियमितता पाए जाने पर चार लाख अस्सी हजार रुपये का शमन शुल्क लगाया है। कंपनियों ने इस शुल्क को जमा करा दिया है।
वरिष्ठ निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान हरीश कुमार प्रजापति ने बताया कि मैसर्स टू-ब्रदर्स आर्गेनिक, पूना ने देसी घी के पैकेट पर वाल्यूम (मिली लीटर) के सापेक्ष भार की मात्रा घोषित नहीं की थी।
इस पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया गया, कंपनी ने इसे स्वीकार किया। इस पर एक लाख 25 हजार शुल्क जमा कराया है। मोहाली की मैसर्स लाइबेशन क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने गन्सबर्ग नॉन-अल्कोहल बीयर की पैकिंग अमानक साइज 325 मिली में पाई गई। पैकिंग 300 मिली के बाद 330 मिली में ही की जा सकती है। इस कंपनी ने उच्च न्यायालय के निर्णयों का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखा, लेकिन विभाग ने कंपनी का पक्ष विधिसंगत नहीं पाया।
कंपनी ने 75000 शमन शुल्क जमा करा दिया है। मुंबई की टेरेमिस लैब्स पर अमानक पैक बनाकर बेचने पर 75000, लिवाइस ब्रांड के नाम से जींस बेचने वाली कंपनी पर अपने उत्पादों को आनलाइन बेचने के लिये पोर्टल पर साइज मानक से अन्यथा घोषित करने पर एक लाख पांच हजार रुपये शमन शुल्क वसूला गया है। कजारिया ब्रांड की फ्लोर टाइल्स पर अधिकतम विक्रय मूल्य घोषित न किए जाने पर 50 हजार रुपये शमन शुल्क कंपनी ने जमा कराया है। वेदिका पानी के पैकेज पर मूल्य की धोषणा नियमानुसार न किए जाने पर 50000 रुपये शमन शुल्क जमा कराया गया है।