गुजरात| गुजरात हाईकोर्ट में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां हाईकोर्ट में एमबीबीएस सीट के लिए दावा करने वाली एक छात्रा ने याचिका दाखिल की है. उसका कहना है कि एडमिशन कमेटी ने दावा किया है कि वह घोस्ट उम्मीदवार है, क्योंकि उसके स्कोरकार्ड में लिखे हुए नंबर पर किसी के एग्जाम देने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नही है.

अहमदाबाद की रहने वाली छात्रा ने गुजरात हाईकोर्ट में दावा किया है कि उसने इस साल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंन्ट्रस टेस्ट (NEET)यूजी में शामिल हुई और मेडिकल सीट के लिए अच्छे स्कोर के साथ नीट का इम्तिहान क्लियर किया. इसके बाद जब वो ACPUGMEC में काउंसलिंग के लिए आवेदन किया और डॉक्यूमेंट वेरिफिरेशन भी किया.

छात्र के एडवोकेट ने कोर्ट में याचिका करते हुए कहा है कि उसे झटका तब लगा, जब एडमिशन कमेटी से संपर्क किया तो पता चला कि उसके एप्लीकेशन को मान्यता नहीं दी जा रही हैं. क्योंकि उसके दिए गए एप्लीकेशन नंबर में नीट परीक्षा किसी ने नहीं दी है. मतलब उस नंबर पर कोई इम्तिहान नहीं दे रहा था. इसलिए उनके लिए वो छात्र घोस्ट उम्मीदवार है. उनका स्कोर्ड रिकॉर्ड में शामिल नहीं है.

जब गुजरात हाईकोर्ट ने NTA (National testing agency) ने इस छात्रा के इम्तिहान पर यह नोटिफिकेशन सबमिट किया है कि छात्रा के डॉक्यूमेंट्स फर्जी हैं, क्योंकि उसके दिए गए एप्लीकेशन नंबर पर किसी ने नीट इम्तिहान नहीं दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई इसी महीने की 22 तारीख को हाईकोर्ट ने तय की है.

बता दें कि अहमदाबाद की एक छात्रा इस साल स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में शामिल हुई और अच्छे अंक प्राप्त किए, जिससे वह मेडिकल सीट के लिए योग्य हो गई. उन्होंने व्यावसायिक स्नातक चिकित्सा शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश समिति (एसीपीयूजीएमईसी) में आवेदन किया और काउंसलिंग के दौरान दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया.

हालांकि, उनकी उम्मीदवारी पर एडमिशन कमेटी ने उनसे संपर्क किया और कहा कि उनके आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि किसी भी छात्र ने उनके द्वारा प्रदान किए गए आवेदन संख्या का उपयोग करके NEET नहीं दिया था. उनके अनुसार, वह एक ‘Ghost’ छात्रा थी और उसका स्कोरकार्ड उनके रिकॉर्ड में मौजूद नहीं था.